रविंद्र नाथ टैगोर -सांस्कृतिक भारत के प्रतिमूर्ति- विषय पर एक शचित्र आलेख प्रस्तुत कीजिए !
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टैगोर ने शिक्षा को विकास की एक प्रक्रिया माना है और शिक्षा के व्यापक अर्थ को स्वीकार किया है। टैगोर का विचार है कि शिक्षा विकास का ऐसा साधन है जिससे व्यक्ति की मानसिक, भावात्मक, राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक तथा आध्यात्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति होती है
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hey watch the above pic for ur answer...
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