रवते हैं हाथ
'स्वच्छता के महत्व पर एक अनुच्छेद लिखिए !(ब्द-संख्या लगभग 100 हो)
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स्वच्छता भगवान के बगल में है सामान्य कहावत है जो हमें अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता को बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है ताकि कल्याण की भावना मिल सके। यह हमारे जीवन में स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालता है और हमें जीवन भर स्वच्छ आदतों का पालन करना सिखाता है।
स्वच्छता केवल शारीरिक रूप से खुद को स्वच्छ रखने के लिए नहीं है, बल्कि इसका मतलब व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने और सकारात्मक विचारों को लाकर शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वच्छ रखना है। स्वच्छता ईश्वरत्व का मार्ग है जिसका अर्थ है स्वच्छता बनाए रखना और अच्छी सोच किसी व्यक्ति को ईश्वर के निकट लाना। अच्छी सेहत पाने और नैतिक जीवन जीने के लिए स्वच्छ रहना बहुत जरूरी है।
एक साफ़ सुथरा और अच्छी पोशाक वाला व्यक्ति अच्छे व्यक्तित्व और प्रभावशाली आदतों के साथ अच्छे चरित्र का संकेत देता है। किसी व्यक्ति के अच्छे चरित्र का मूल्यांकन साफ कपड़े और अच्छे शिष्टाचार से किया जाता है। शरीर और मन की सफाई किसी भी व्यक्ति के आत्म-सम्मान में सुधार करती है।
शरीर, मन और आत्मा की स्वच्छता ईश्वर की ओर ले जाती है जो अंततः शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से अच्छी तरह से व्यक्ति होने का एहसास दिलाती है। एक व्यक्ति को दैनिक जीवन में स्वच्छता बनाए रखने की आवश्यकता है, जीवन में एक सख्त अनुशासन और कुछ सिद्धांतों का पालन करने की आवश्यकता है। जो लोग साफ-सुथरे हो जाते हैं वे आम तौर पर धार्मिक और ईश्वर से डरने वाले होते हैं और दूसरों से कभी घृणा या जलन महसूस नहीं करते।