रयज्ञ : नयम ककम आसीत ?
Answers
Answer:
उसका जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। वह बहुत गरीब थी। अगर किसी दिन वह काम नहीं करती थी तो उसे भूखा रहना पड़ता था। उसे कई बार माटी के बदले में रोटियां दी जाती थीं। वह रोटियों का हिसाब लगाती थी ताकि वह अपना और अपने बूढ़े व अशक्त पति का पेट भर सके।
उसका जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। वह बहुत गरीब थी। अगर किसी दिन वह काम नहीं करती थी तो उसे भूखा रहना पड़ता था। उसे कई बार माटी के बदले में रोटियां दी जाती थीं। वह रोटियों का हिसाब लगाती थी ताकि वह अपना और अपने बूढ़े व अशक्त पति का पेट भर सके।वह कर्मठ, जिम्मेदार और परिश्रमी थी। वह अपने अशक्त पति का बहुत ध्यान रखती थी। उसके मन में अपने पति के लिए प्रेम, दया और करुणा थी। वह उन्हें किसी भी प्रकार का दुःख नहीं देना चाहती थी। वह जानती थी कि अगर उनको दो वक्त की रोटी मिल जाती थी उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता था। उनकी इस ख़ुशी को बनाये रखना उसके जीबन का लक्ष्य था