read and write the and:हम कई बार छोटी-छोटी बातों से दुखी हो जाते हैं, उदास हो जाते हैं, निराश हो जाते हैं और कई
बार तो क्रोधित भी हो जाते हैं। किसी ने हमसे नमस्ते नहीं की, कोई मित्र हमारा जन्मदिन भूल
गया, एक व्यक्ति हमसे समय पर मिलने नहीं आया, भाई बाज़ार से एक आवश्यक सामान लाना
भूल गया, किसी ने हमारी बुराई कर दी आदि हैं तो सब परेशान करने वाली बातें, किंतु इतनी
बड़ी भी नहीं कि आपा ही खो दिया जाए अथवा उन पर ज़ोर से चिल्लाया जाए। किसी ने हमारी
अनुचित बुराई कर दी तो मुस्कराकर कारण पूछा जा सकता है, कोई कुछ करना भूल गया तो उसे
विनम्रता से पुनः याद दिलाया जा सकता है तथा प्यार व सावधानी से किसी से शिकायत भी की
जा सकती है। छोटी बातों को छोटा ही रहने दिया जाए तो ही अच्छा । जब बातें इतनी गंभीर न
हों तो हम इतने गंभीर क्यों हो जाए? लोगों की आदतों को हम एकदम नहीं बदल सकते तथा
छोटी बड़ी अनपेक्षित घटनाओं को हम नियंत्रित नहीं कर सकते । हमारे अपने लोग गलतियाँ करें
अथवा पराए लोग भूल करें उनके साथ शालीनता से पेश आना चाहिए नहीं तो अनावश्यक रूप से
बात का बतंगड़ बन सकता है ।
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प्रश्न:
(1) हम किन-किन कारणों से निराश हो जाते हैं?
(2) अगर कोई गलती कर ही दी तो किस प्रकार स्थिति को संभाला जा सकता है?
(3) 'आपा खोना' मुहावरे का अर्थ क्या है?
(4) हम किन्हें नियंत्रित नहीं कर सकते हैं?
(5)
'छोटी बातों को छोटा ही रहने दें तो अच्छा है।' - आशय स्पष्ट कीजिए।
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Explanation:
Nanhi chiti Sab kya Prerna Le sakte hain iska Hindi mein dijiye
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