Reedh ki haddi path ka mukhya patra
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उत्तर: इस नाटक में दो मुख्य पात्र हैं; उमा और शंकर। दोनों एक दूसरे के विपरीत हैं। एक ओर उमा के पास स्वाभिमान है तो दूसरी ओर शंकर पास स्वाभिमान की सख्त कमी है। यहाँ पर 'रीढ़ की हड्डी' उसी स्वाभिमान का सूचक है।
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