Refrigerator me prayog hone wale cratim sansleshit rasayan ka naam kya h
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अतीत में सीएफसी रेफ्रिजरेंट्स, सबसे आम और मश्हूर रेफ्रिजरेंट्स थे| इनको ‘फ्रीऑन’ भी कहा जाता था| फ्रीऑन ड्यूपॉन्ट नामक कंपनी द्वारा उत्पादित R-12 रेफ्रिजरेंट्स का ब्रांड नाम था| 1990 और 2000 के दशक में, उपयोग में सीएफसी को एचसीफसी (हाइड्रो-क्लोरो-फ्लुओरोकार्बोन) के साथ परिवर्तित कर दिया गया हैं, जिसमे R-22 सबसे आम एचसीफसी होता हैं| एचसीफसी, आज भी बाजार में उपलब्ध अधिकांश एयर कंडीशनरों में बहुतायत में इस्तेमाल किया जाता है|
लेकिन एचसीफसी, सीएफसी की तुलना में मात्र मामूली रूप से ही बेहतर होते हैं| एचसीफसी भी पर्यावरण के लिए हानिकारक होते हैं| क्यूंकि वे भी क्लोरीन युक्त होते हैं, और क्लोरीन पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं, हालांकि क्लोरीन की मात्रा सीएफसी की तुलना में कम होती हैं| रेफ्रिजरेंट्स में से क्लोरीन का प्रभाव कम करने के लिए निर्माताओं ने एक और रेफ्रिजरेंट्स इज़ात किया हैं, जिसे हम एचएफसी (या हाइड्रो-फ्लूरो-कार्बन) कहते हैं| हालांकि, उनमे भी ग्लोबल वार्मिंग क्षमता होती है, परन्तु वे एचसीफसी से बेहतर माने जाते हैं| एयर कंडीशनरों में इस्तेमाल किया जाने वाला, सबसे आम एचएफसी हैं, R-401A| यह रेफ्रिजरेंट्स R-22 की तुलना में ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए मात्र बेहतर ही नहीं, बल्कि अधिक ऊर्जा कुशल भी होते है| अधिक ऊर्जा कुशल एयर कंडीशनर R-401A रेफ्रिजरेंट्स का ही इस्तेमाल करते हैं| जैसे ही भारत में ऊर्जा दक्षता के मानकों में सुधार होगा, हम देखेंगे की अधिक एयर कंडीशनर R-401A रेफ्रिजरेंट्स का ही उपयोग करेंगे|
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