Hindi, asked by aadritchatterjee, 1 month ago

report writing on vaccine in hindi​

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Answered by Breadman
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ब्रिटेन और अमेरिका में जहां बड़े स्तर पर कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण का काम चल रहा है, तो वहीं कई अन्य देश भी हैं जो टीकाकरण अभियान शुरू कर चुके हैं। भारत में भी माना जा रहा है कि अगले साल की शुरुआत में ही लोगों को वैक्सीन मिलनी शुरू हो जाएगी। सरकार ने इसके लिए दिशानिर्देश भी जारी कर दिए हैं। हालांकि उससे पहले सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या लोग वैक्सीन लगवाना चाहेंगे? इसको लेकर कई देशों में सर्वे (सर्वेक्षण) हो रहे हैं। भारत में भी ऐसा ही एक सर्वे किया गया है, जिसमें यह पाया गया है कि भारतीय कोरोना की वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं। 

पोंपियो के बयान पर किसी को ज़्यादा आश्चर्य नहीं होना चाहिए.

अमरीका और भारत पिछले तीन दशक से एक संयुक्त वैक्सीन डिवेलपमेंट प्रोग्राम चला रहे हैं. इस प्रोग्राम को अंतरराष्ट्रीय मान्यता हासिल है.

दोनों देश मिलकर डेंगू, आंतों की बीमारियां, इंफ़्लूएंजा और टीवी की रोकथाम पर साथ काम कर चुके हैं. दोनों देश डेंगू वैक्सीन के ट्रायल्स निकट भविष्य में करने वाले हैं.

देश में वैक्सीन बनाने वाली आधा दर्जन से ज़्यादा बड़ी कंपनियां हैं. इसके अलावा कई छोटी कंपनियां भी वैक्सीन बनाती हैं. ये कंपनियां पोलियो, मैनिनजाइटिस, निमोनिया, रोटावायरस, बीसीजी. मीजल्स, मंप्स और रूबेला समेत दूसरी बीमारियों के लिए वैक्सीन बनाती हैं.

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