Hindi, asked by nazneensyedsyed, 16 days ago

Republic Day essay in hindi 50 words

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Answered by saaketprathikondasql
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Explanation:

देश में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल हम 73वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं. राजपथ पर परेड और झांकियां सभी का मन मोह लेती हैं. दरअसल इसी दिन साल 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था. आपको जानकर हैरानी होगी कि 26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस को आजादी से पहले 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाया जाता था.  

26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस?

भारत को आजादी भले ही 15 अगस्त 1947 को मिली लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत पूर्ण गणराज्य बना. इसी दिन को पूरा भारत गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है. संविधान 26 नवंबर 1949 में पूरी तरह तैयार हो चुका था लेकिन दो महीने इंतजार करने के बाद इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया था. स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान अपनाया था. 26 जनवरी 1950 को संविधान को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया. यानी 2 साल 11 महीने और 18 दिन बाद संविधान लागू हुआ था. इस दिन भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया

Answered by WaterPricecess
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Essay on Republic Day in Hindi

गणतंत्र दिवस भारत का राष्ट्रीय पर्व है । यह दिवस भारत के गणतंत्र बनने की खुशी में मनाया जाता है । 26 जनवरी, 1950 के दिन भारत को एक गणतांत्रिक राष्ट्र घोषित किया गया था । इसी दिन स्वतंत्र भारत का नया संविधान अपनाकर नए युग का सूत्रपात किया गया था । यह भारतीय जनता के लिए स्वाभिमान का दिन था । संविधान के अनुसार डॉ. राजेन्द्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने । जनता ने देश भर में खुशियाँ मनाई । तब से 26 जनवरी को हर वर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है ।

26 जनवरी का दिन भारत के लिए गौरवमय दिन है । इस दिन देश भर में विशेष कार्यक्रम होते हैं । विद्‌यालयों, कार्यालयों तथा सभी प्रमुख स्थानों में राष्ट्रीय झंडा तिरंगा फहराने का कार्यक्रम होता है । बच्चे इनमें उत्साह से भाग लेते हैं । लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं । स्कूली बच्चे जिला मुख्यालयों, प्रांतों की राजधानियों तथा देश की राजधानी के परेड में भाग लेते हैं । विभिन्न स्थानों में सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती हैं । लोकनृत्य, लोकगीत, राष्ट्रीय गीत तथा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम होते हैं । देशवासी देश की प्रगति का मूल्यांकन करते हैं ।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम राजधानी दिल्ली में होता है । विजय चौक पर मंच बना होता है तथा दर्शक दीर्घा होती है । राष्ट्रपति अपने अंगरक्षकों के साथ यहाँ पधारते हैं और राष्ट्रध्वज फहराते हैं । उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती

है । सेना के बैंड राष्ट्रगान की धुन गाते हैं । राष्ट्रपति परेड का निरीक्षण करते हैं । परेड में विभिन्न विद्‌यालयों के बच्चे, एन.सी.सी. के कैडेट्‌स पुलिस अर्द्धसैनिक और सेना के जवान भाग लेते हैं । परेड को देखने नेतागण, राजदूत और आम जनता बड़ी संख्या में आती है । इस अवसर पर किसी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है ।

गणतंत्र दिवस की परेड का दृश्य बहुत आकर्षक होता है । सेना और अर्द्धसैनिक बलों की टुकड़ियाँ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ती हैं । परेड के बाद झांकियों का दृश्य सलामी मंच के सामने से गुजरता है । एक से बढ्‌कर एक सजी- धजी झाकियाँ । किसी में कश्मीर के शिकारे का दृश्य तो किसी में महात्मा बुद्ध की शांत मुद्रा की झलक । किसी में महाराणा प्रताप अपने घोड़े चेतक पर नजर आते है तो किसी में रणचंडी बनी लक्ष्मीबाई । किसी-किसी झाँकी में नृत्यांगनाएँ नाचती-गाती सबको मंत्रमुग्ध किए चलती हैं । विभिन्न राज्य अपनी झाँकी में अपनी संस्कृति को दर्शाते हैं । बहादुर बच्चे हाथी या जीप पर सवार होकर बहुत प्रसन्न दिखाई देते है । गणतंत्र दिवस के समारोह में राष्ट्रपति देश के निमित्त असाधारण वीरता प्रदर्शित करनेवाले सेना और पुलिस के जवानों को वीरता पुरस्कार एवं पदक प्रदान करते है ।

गणतंत्र दिवस अपनी उपलब्धियों के मूल्यांकन का दिन है । गणतंत्र भारत ने कौन-कौन सी मंजिलें तय कर लो और किन-किन मंजिलों की छूना अभी बाकी है इसकी समीक्षा की जाती है । अखबारों और पत्रिकाओं मैं इससे संबंधित अनेक रिपोर्टें छपती हैं । टेलीविजन पर रंगारंग कार्यक्रम होते हैं । जगह-जगह पर कव्वालियों, मुशायरों और कवि सम्मेलनों की घूम मची रहती है राजधानी की मरकारा इमारतों पर मनमोहक रोशनी की जाती है । राष्ट्र अपने गणतंत्र पर गर्व महसूस करता है ।

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