responsibility of students towards the nation in hindi
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विद्यार्थियों में दायित्व-बोध बनाता है जिम्मेदार नागरिक
देश हमें देता है सबकुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें। राष्ट्र के प्रति यह जिम्मेदारी का भाव ही किसी देश को महान बनाता है। यह भाव हमारे अंदर विद्यार्थी काल से ही होना चाहिए। समाज व राष्ट्र के प्रति सजगता का भाव, जिससे राष्ट्र परम वैभव को प्राप्त हो सके। विद्यार्थी के अंदर का यह भाव उसे भविष्य का जिम्मेदार नागरिक भी बनाता है।
विद्यार्थी जीवन मानव जीवन का स्वर्णिम काल होता है। जीवन के इस पड़ाव पर वह जो भी सीखता, समझता है अथवा जिन नैतिक गुणों को अपनाता है वही उसके व्यक्तित्व व चरित्र निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि विद्यार्थी जीवन मानव जीवन की आधारशिला है। इस काल में सामान्यत: विद्यार्थी सांसारिक दायित्वों से मुक्त होता है फिर भी उसे अनेक दायित्वों व कर्तव्यों का निर्वाह करना पड़ता है ।
जिस प्रकार हम नि:स्वार्थ भाव से अपने परिवार के प्रति तन-मन-धन से समर्पित हो कर पूर्ण रूप से दायित्व उठाते हुए सेवा करते हैं, उसी प्रकार अपने देश के प्रति जिम्मेदारी और कर्तव्य का निर्वाह भी नि:स्वार्थ भाव से करना चाहिए। हम सब एक देश के वासी हैं। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को जितना अधिक विस्तार देंगे, देश में उतनी ही सुख समृद्धि व शांति फैलेगी। संकीर्ण मनोवृति का त्याग कर सेवा व आत्मीयता के भाव को जीवन में स्थान देकर ही हम आत्म उन्नति व देशोन्नति का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। हमें यह याद रखना चाहिए की देश का मान है तो हमारा मान है क्योंकि हमारा देश ही हमारी पहचान है।
देश के किसी भी व्यक्ति के कर्तव्यों का आशय उसकी सभी आयु वर्ग के लिए उन जिम्मेदारियों से हैं जो वह अपने देश के प्रति रखते हैं। देश के लिए अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की याद दिलाने के लिए कोई विशेष समय नहीं होता, हांलाकि यह प्रत्येक भारतीय नागरिक का जन्मसिद्ध अधिकार है कि वह देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझे और आवश्यकता के अनुसार उनका निर्वाह या निष्पादन अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करें। अपने राष्ट्र के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करना एक नागरिक का अपने राष्ट्र के प्रति सम्मान को प्रदर्शित करता हैं। हर किसी को सभी नियमों का पालन करने के साथ ही विनम्र और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारियों के लिए वफादार होना चाहिए।
आज के विद्यार्थी ही आने वाले कल का भविष्य हैं। किसी भी देश की तरक्की तभी हो सकती है, जब देश में शिक्षा के प्रति व्यापक स्तर पर जागरूकता हो। जागरूकता आने से ही शिक्षा का प्रसार प्रचार भी तेजी से हो सकता है। इसलिए देश के प्रति सबसे बड़ी जिम्मेदारी अध्यापक वर्ग पर होती है। देश भविष्य निर्धारित करने का काम शिक्षक का ही होता है। उनके द्वारा शिक्षित किए जाने वाले बच्चे आगे चल कर देश की बागडोर संभालने के साथ साथ उसके विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि उनके द्वारा दी गई शिक्षा कमजोर हुई तो आगे चलकर देश का भविष्य भी अंधकार में हो जाएगा। इसलिए एक शिक्षिका होने के नाते मेरा मानना है कि बच्चों को अच्छे तरीके से शिक्षित करना ही एक शिक्षक के लिए सबसे बड़ी देश भक्ति है।
एक विद्यार्थी के रूप में मनुष्य का देश के प्रति पहला कर्तव्य यह होता है कि वह अपनी शिक्षा उचित रूप से पूर्ण करें। दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है, देश के शक्तिबोध तथा सौंदर्यबोध को बढ़ाना। एक विद्यार्थी को अपने व्यवहार में सज्जनता रखनी चाहिए। देश के लिए अपने कर्तव्य को भलिभांति समझाना चाहिए। अपने व्यवहार से वो देश में स्वच्छता के प्रति जागरूकता ला सकता है। इस तरह खुद के व्यवहार में परिवर्तन कर विद्यार्थी देश में कई सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
Answer:
okay I increase your rank to mark in brain list
but vo options aayega to me mark kr dunga
okay sis
follow please