ऋण के औपचारिक व अनौपचारिक तरीके में अंतर बताइए
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औपचारिक संगठन में एक लिखित संहिता या चार्ट होता है जिसमें प्रत्येक कार्मिक के उत्तरदायित्व व कार्य लिखे होते हैं । अनौपचारिक संगठन में अलिखित आचार संहिता होती है । इसके द्वारा समूह में प्रत्येक व्यक्ति का योगदान या प्रभाव अपेक्षित रहता है ।
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ऋण के औपचारिक और अनौपचारिक स्त्रोतों के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए
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★ऋण के औपचारिक स्रोत :
(i) ये सरकार द्वारा पंजीकृत होते है जैसे बैंक और सहकारी समितियाँ।
(ii) इनका ब्याज दर निश्चित होती है। (iii) औपचारिक ऋण के स्रोतों से ऋण लेने पर शोषण नहीं होता है।
(iv) इसकी निगरानी RBI करती है और इनका उद्देश्य सामाजिक कल्याण के लिए ऋण प्रदान करना है |
★ऋण के अनौपचारिक स्रोत :
(i) ये सरकार द्वारा पंजीकृत नहीं होते है जैसे - साहूकार, व्यापारी और रिश्तेदार आदि |
(ii) इनका ब्याज दर निश्चित नहीं होता है | (ii) अनौपचारिक ऋण के स्रोतों से ऋण लेने पर शोषणहोता है ।
(iv) इनकी निगरानी RBI नहीं करती है और इनका उद्देश्य केवल लाभ कमाने के लिए होता है |