Accountancy, asked by PragyaTbia, 1 year ago

'ऋणपत्र का मोचन' से क्या तात्पर्य है?

Answers

Answered by crohit110
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ऋणपत्रों का मोचन निर्गम के नियमानुसार ऋणपत्रों के खातें में देनदारियों को समाप्त या मुक्त करने हेतु संकेतित करता है। दूसरे शब्दों में ऋणपत्रों के मोचन का तात्पर्य कंपनी द्वारा ऋणपत्रों की राशि का परिशोधन करना होता है। यहाँ पर चार विधियां हैं जिनसे ऋणपत्रों का मोचन होता है।

1- एकमुश्त भुगतान

2- किश्तों में भुगतान

3- खुले बाजार में खरीदना

4- अंश या ऋणपत्रों में परिवर्तन द्वारा

Answered by hellominigarg
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ऋणपत्र का मोचन अर्थात ऋणपत्र की विशिष्ट अवधि पर समाप्ती। अगर कोई ऋणपत्र तय की गई किश्तों में या एक मुश्त रकम स्वरूप देय किया जाता है और इसपर ऋणपत्र की समाप्ती हो जाये तो इसे ऋणपत्र के मोचन की संज्ञा दी जाती है। इस स्थिति में ऋण धारक की सारी देता पूर्ण रूप से समाप्त हो जाती है और उसका किसी भी रूप से ऋणपत्र से कोई संबंध नहीं रहता है।

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