ritikal rachnaon Mein Pradhan Ras hai
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रीतिकाल रसों में शृंगार रस प्रदान थे।
Explanation:
हिंदी साहित्य का रीतिकाल 17 वीं से 19 वीं शताब्दी के बीच हुआ था जिसमें संस्कृत की रीतिकालीन परंपरा का कई पहलुओं पर अनुकरण किया गया था जैसे रस, अलंकार और नायक-नायिका भेड़ा आदि।
रितिकाव्य या रितिस्मग्र काव्य काल में, कामुक तत्व हिंदी साहित्य में प्रमुख था। इस युग को रीति कहा जाता है क्योंकि यह वह युग था जब काव्यात्मक आंकड़े और सिद्धांत पूर्ण विकसित थे।
कुछ लोकप्रिय रीतिकालीन कवि थे:
- केशव
- पद्माकर
- चिंतामणि
- देव
- सेनापति
- बिहारी
- आलम
- ठाकुर
- बोध
- भूषण
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