Rodra ras ke examples
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heya mate your answer:-
उस काल मरे क्रोध के तन काँपने उसका लगा
मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर जगा
अतिरस बोले वचन कठोर
बेगि देखाउ मूढ़ नत आजू
उलटउँ महि जहँ जग तवराजू
Raudra Ras (रौद्र रस)
✔इसका स्थायी भाव क्रोध होता है जब किसी एक पक्ष या व्यक्ति द्वारा दुसरे पक्ष या दुसरे व्यक्ति का अपमान करने अथवा अपने गुरुजन आदि कि निन्दा से जो क्रोध उत्पन्न होता है उसे रौद्र रस कहते हैं इसमें क्रोध के कारण मुख लाल हो जाना, दाँत पिसना, शास्त्र चलाना, भौहे चढ़ाना आदि के भाव उत्पन्न होते हैं
smileyishere:
Thank u
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Hey mate here is ur answer......
★ जहाँ क्रोध, वैर ,अपमान अथवा प्रतिशोध का भाव भिन्न-भिन्न संचारी भावों,विभावों और अनुभावों के कारण क्रमश: बढ़ते हुए सीमा पार कर जाए वहाँ रौद्र-रस अभिव्यक्ति होता है।
→ स्थायी - क्रोध
→ संचारी - गर्व, घमंड, अमर्ष, आवेग, उग्रता आदि।
→ आलंबन - शत्रु, विरोधी, अपराधी, क्रोध का कारण।
→ आश्रय - क्रोधित व्यक्ति ।
→ उद्दीपन - शत्रुतापूर्ण कार्य, विरोध, अपमान, कटुवचन, आज्ञा का उल्लंघन, नियम-भंग आदि।
→ अनुभाव - आँखें लाल होना, काँपना, ललकारना , हुँकारना , शस्त्र उठाना, कठोर वाणी, गुर्राना, हाँफना, चीखना आदि।
Hope u like answer....
^_^
★ जहाँ क्रोध, वैर ,अपमान अथवा प्रतिशोध का भाव भिन्न-भिन्न संचारी भावों,विभावों और अनुभावों के कारण क्रमश: बढ़ते हुए सीमा पार कर जाए वहाँ रौद्र-रस अभिव्यक्ति होता है।
→ स्थायी - क्रोध
→ संचारी - गर्व, घमंड, अमर्ष, आवेग, उग्रता आदि।
→ आलंबन - शत्रु, विरोधी, अपराधी, क्रोध का कारण।
→ आश्रय - क्रोधित व्यक्ति ।
→ उद्दीपन - शत्रुतापूर्ण कार्य, विरोध, अपमान, कटुवचन, आज्ञा का उल्लंघन, नियम-भंग आदि।
→ अनुभाव - आँखें लाल होना, काँपना, ललकारना , हुँकारना , शस्त्र उठाना, कठोर वाणी, गुर्राना, हाँफना, चीखना आदि।
Hope u like answer....
^_^
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