Rodra ras ke examples more than two.
Answers
श्रीकृष्ण के सुन वचन अर्जुन क्रोध से जलने लगे।
सब शोक अपना भूलकर करतल- युगल मलने लगे।।
संसार देख अब हमारे शत्रु रण में मृत पड़े।
करते हुए यह घोषणा वे हो गए उठकर खड़े।।
उस काल मारे क्रोध के तनु कांपने उनका लगा।
मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर जगा।।
मुख बाल-रवि सम लाल होकर ज्वाल सा बोधित हुआ।
प्रलयार्थ उनके मिस वहाँ क्या काल ही क्रोधित हुआ।।
2-
माँखे लखन, कुटिल भयी भौहें।
रद-पट फरकत नैन रिसौहैं।।
कहि न सकत रघुवीर डर, लगे वचन जनु बान।
नाइ राम-पद-कमल जुग, बोले गिरा प्रसाद।।
सौजन्य व आभार - अलंकार पारिजात - नरौतम दास स्वामी
रौद्र रस का उदाहरण
रौद्र रस स्थायी भाव क्रोध होता है जब किसी एक पक्ष या व्यक्ति द्वारा दुसरे पक्ष या दुसरे व्यक्ति का अपमान करने अथवा अपने गुरुजन आदि कि निन्दा से जो क्रोध उत्पन्न होता है उसे रौद्र रस कहते हैं|
उदाहरण
1.क्रोध के कारण मुख लाल हो जाना|
2.किसी को देख के गुसा करना और दाँत पिसना, शास्त्र चलाना|