Role of thakurbari in harihar kaka
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हरिहर काका में ठाकुरबारी की भूमिका :
यह प्रश्न ‘मिथिलेश्वर’ द्वारा लिखित ‘हरिहर काका’ नामक कहानी से लिया गया है।
लेखक के गाँव की पूर्व दिशा में ठाकुर जी का विशाल मंदिर था, जिसे गाँव के लोग ठाकुरबारी को देवस्थान कहते थे। लोग ठाकुर जी से पुत्र की मन्नत मांगते, मुक़दमे में जीत, लड़की की शादी किसी अच्छे घर में हो जाए, लड़के को नौकरी मिल जाए आदि मन्नत माँगते थे।
मन्नत पूरी होने पर लोग अपनी ख़ुशी से ठाकुरजी को रूपए, ज़ेवर, और अनाज चढ़ाया करते थे। जिसको बहुत अधिक ख़ुशी होती थी वह अपने खेत का छोटा-सा भाग ठाकुरजी के नाम कर देता था और यह एक तरह से प्रथा ही बन गई।
ठाकुरबारी के साधु संतों का मतलबी और दिखावा करने का आचरण लेखक के मन में उनके प्रति घृणा उत्पन्न कर रहा था |ठाकुरबारी के साधु संत भी हरिहर काका की संपत्ति अपने नाम करवाना चाहते थे | ठाकुरबारी में महंत के लोगों ने काका के साथ बुरा व्यवहार किया।