rotational spectroscopy in hindi
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स्पेक्ट्रमिकी, भौतिकी विज्ञान की एक शाखा है जिसमें पदार्थों द्वारा उत्सर्जित या अवशोषित विद्युत चुंबकीय विकिरणों के स्पेक्ट्रमों का अध्ययन किया जाता है और इस अध्ययन से पदार्थों की आंतरिक रचना का ज्ञान प्राप्त किया जाता है। इस शाखा में मुख्य रूप से वर्णक्रम का ही अध्ययन होता है अत: इसे स्पेक्ट्रमिकी या स्पेक्ट्रमविज्ञान (Spectroscopy) कहते हैं।
मूलत: विकिरण एवं पदार्थ के बीच अन्तरक्रिया (interaction) के अध्ययन को स्पेक्ट्रमिकी यास्पेक्ट्रोस्कोपी (Spectroscopy) कहा जाता था। वस्तुत: ऐतिहासिक रूप से दृष्य प्रकाश का किसी प्रिज्म से गुजरने पर अलग-अलग आवृत्तियों का अलग-अलग रास्ते पर जाना ही स्पेक्ट्रोस्कोपी कहलाता था।
बाद में 'स्पेक्ट्रोस्कोपी' शबद के अर्थ का विस्तार हुआ। अबतरंगदैर्ध्य (या आवृत्ति) के फलन के रूप में किसी भी राशि का मापन स्पेक्ट्रोस्कोपी कहलाती है। इसकी परिभाषा का और विस्तार तब मिला जब उर्जा (E) को चर राशि के रूप में सम्मिलित कर लिया गया (क्योंकि पता चला कि उर्जा और आवृत्ति में सीधा सम्बन्ध है : E = hν)
किसी राशि का आवृत्ति के फलन के रूप में आलेख (प्लॉट)वर्णक्रम (स्पेक्ट्रम) कहलाता है। किसी पदार्थ के किसी द्रव्यमान में आयनों, परमाणुओं या अणुओं की उपस्थिति की सघनता (concentration) का मापन स्पेक्ट्रोमेट्री कहलाता है। जो उपकरण स्पेक्ट्रोमेट्री में सहायक होते हैं वेस्पेक्ट्रोमीटर, स्पेक्ट्रोफोटोमीटर या स्पेक्ट्रोग्राफ आदि नामों से जाने जाते हैं। स्पेक्ट्र्स्कोपी/स्पेक्ट्रोमेट्री का उपयोग भौतिक एवं वैश्लेषिक रसायन विज्ञान में बहुधा किया जाता है। इसका उपयोग खगोल विज्ञान एवं सुदूर संवेदन(remote sensing) में भी होता है।
मूलत: विकिरण एवं पदार्थ के बीच अन्तरक्रिया (interaction) के अध्ययन को स्पेक्ट्रमिकी यास्पेक्ट्रोस्कोपी (Spectroscopy) कहा जाता था। वस्तुत: ऐतिहासिक रूप से दृष्य प्रकाश का किसी प्रिज्म से गुजरने पर अलग-अलग आवृत्तियों का अलग-अलग रास्ते पर जाना ही स्पेक्ट्रोस्कोपी कहलाता था।
बाद में 'स्पेक्ट्रोस्कोपी' शबद के अर्थ का विस्तार हुआ। अबतरंगदैर्ध्य (या आवृत्ति) के फलन के रूप में किसी भी राशि का मापन स्पेक्ट्रोस्कोपी कहलाती है। इसकी परिभाषा का और विस्तार तब मिला जब उर्जा (E) को चर राशि के रूप में सम्मिलित कर लिया गया (क्योंकि पता चला कि उर्जा और आवृत्ति में सीधा सम्बन्ध है : E = hν)
किसी राशि का आवृत्ति के फलन के रूप में आलेख (प्लॉट)वर्णक्रम (स्पेक्ट्रम) कहलाता है। किसी पदार्थ के किसी द्रव्यमान में आयनों, परमाणुओं या अणुओं की उपस्थिति की सघनता (concentration) का मापन स्पेक्ट्रोमेट्री कहलाता है। जो उपकरण स्पेक्ट्रोमेट्री में सहायक होते हैं वेस्पेक्ट्रोमीटर, स्पेक्ट्रोफोटोमीटर या स्पेक्ट्रोग्राफ आदि नामों से जाने जाते हैं। स्पेक्ट्र्स्कोपी/स्पेक्ट्रोमेट्री का उपयोग भौतिक एवं वैश्लेषिक रसायन विज्ञान में बहुधा किया जाता है। इसका उपयोग खगोल विज्ञान एवं सुदूर संवेदन(remote sensing) में भी होता है।
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