Science, asked by hobs, 1 year ago

roti kyu phulti hai ????tell me reason in hindi

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Answered by ruhu36
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इस कारण फूलते वक्‍त रोटी की बन जाती हैं दो परतें

दो जून की रोटी जुगाड़ने के लिए हम दिन-रात मेहनत करते हैं, मगर रोटी से जुड़ी इस बात से शायद ही वाकिफ हों। क्‍या आपने कभी सोचा है कि वो कौन सी वजह है जो रोटी फूलने के बाद दो परतों में बंट जाती है? जबकि बेलते वक्‍त रोटी एक ही परत में बनाई जाती है। अब यह कोई जादू तो है नहीं, तो चलिए आपको बताते हैं कि इस प्रक्रिया के पीछे की क्‍या है असल वजह।दरअसल, रोटी के फूलने की वजह कार्बन डाईऑक्‍साइड गैस है। असल में होता यह है कि जब हम आटे में पानी मिलाकर उसे गूंथते हैं, तब गेहूं में शामिल प्रोटीन से एक लचीली परत बन जाती है। इसे लासा या ग्‍लूटेन कहते हैं और इसकी खासियत यह होती है कि वो अपने अंदर कार्बन डाईऑक्‍साइड सोख लेती है।अब कार्बन डाईऑक्‍साइड की वजह से आटा गूंथने के बाद फूला रहता है और रोटी को सेंकने पर लासा के भीतर मौजूद कार्बन डाईऑक्साइड बाहर निकल कर फैलने की कोशिश करती है। इसी प्रक्रिया में वो रोटी के ऊपरी भाग को फुला देती है। जो भाग तवे के साथ चिपका होता है, उस तरफ एक पपड़ी-सी बन जाती है।खबरें 

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इस कारण फूलते वक्‍त रोटी की बन जाती हैं दो परतें

Publish Date:Thu, 20 Jul 2017 05:04 PM (IST)बेलते वक्‍त रोटी एक ही परत में बनाई जाती है, मगर क्‍या आप जानते हैं कि फूलते वक्‍त यह दो परतों में कैसे बंट जाती है। ये है इसके पीछे छिपी असल वजह। ...

दो जून की रोटी जुगाड़ने के लिए हम दिन-रात मेहनत करते हैं, मगर रोटी से जुड़ी इस बात से शायद ही वाकिफ हों। क्‍या आपने कभी सोचा है कि वो कौन सी वजह है जो रोटी फूलने के बाद दो परतों में बंट जाती है? जबकि बेलते वक्‍त रोटी एक ही परत में बनाई जाती है। अब यह कोई जादू तो है नहीं, तो चलिए आपको बताते हैं कि इस प्रक्रिया के पीछे की क्‍या है असल वजह।

दरअसल, रोटी के फूलने की वजह कार्बन डाईऑक्‍साइड गैस है। असल में होता यह है कि जब हम आटे में पानी मिलाकर उसे गूंथते हैं, तब गेहूं में शामिल प्रोटीन से एक लचीली परत बन जाती है। इसे लासा या ग्‍लूटेन कहते हैं और इसकी खासियत यह होती है कि वो अपने अंदर कार्बन डाईऑक्‍साइड सोख लेती है।



अब कार्बन डाईऑक्‍साइड की वजह से आटा गूंथने के बाद फूला रहता है और रोटी को सेंकने पर लासा के भीतर मौजूद कार्बन डाईऑक्साइड बाहर निकल कर फैलने की कोशिश करती है। इसी प्रक्रिया में वो रोटी के ऊपरी भाग को फुला देती है। जो भाग तवे के साथ चिपका होता है, उस तरफ एक पपड़ी-सी बन जाती है।



ठीक ऐसे ही दूसरी तरफ से सेंकने पर रोटी के उस वाले हिस्‍से में भी पपड़ी बन जाती है। इस तरह इन दो पपडि़यों के अंदर बंद कार्बन डाईऑक्साइड और गर्म होने से पैदा हुआ भाप की वजह से रोटी की दो अलग-अलग परतें बन जाती हैं।

यह भी जानें, क्‍यों है लासा का होना जरूरी

अब आपको यह भी बता दें कि कार्बन डाईऑक्साइड गैस बनने के लिए आटे में लासा का होना जरूरी है, क्‍योंकि इसी वजह से गेहूं की रोटी खूब फूलती है। मगर आपने ध्‍यान दिया होगा कि जौ, बाजरा, मक्का की रोटी या तो नहीं फूलती या बहुत कम फूलती है और इनमें स्पष्ट रूप से दो परतें भी नहीं बन पातीं। इसकी वजह है इन अनाजों में लासा की कमी का होना। तो रोटी फूलने के लिए लासा का होना बहुत जरूरी है।


ruhu36: kya yeah answer sahi hai
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