ǫᴜᴀʟɪᴛʏ ᴀɴsᴡᴇʀ ɴᴇᴇᴅᴇᴅ ✔︎
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एक गांव में नयन नाम का छोटा और आहूत प्यारा बच्चा अपनी मां के साथ रहता था। उसकी मां की सिर्फ एक ही आंख थी जिस वजह से उसकी मां का चेहरा बाकी औरतों की तरह इतना खूबसूरत नहीं दिखाई देता था। जब तक नयन छोटा था उसकी मां की एक आंख का होना या ना होना उसके लिए कोई मायने नहीं रखता था, मगर जैसे ही वह धीरे-धीरे बड़ा होने लगा और उसे महसूस होने लगा कि एक आंख ना होने के कारण उसकी मां का चेहरा बाकी औरतों के मुकाबले कम सुंदर दिखाई देता है और बाकी बच्चे इस वजह से उसे चिढ़ा सकते हैं, उसका अपने मां के प्रति रवैया बदलने लग गया।
देखते ही देखते कई साल बीत गए अब नयन बड़ा हो गया था वह कमाने लगा था और अब तो अपनी मां से पहले से भी ज्यादा नफरत उसके मन में बढ़ गई थी। एक दिन ऐसा भी आया जब उसने अपने मां को यह कहकर अकेला छोड़ दिया कि तुम्हारी वजह से मुझे बहुत बेइज्जती सहन करनी पड़ती है अब हम दोनों साथ में नहीं रह सकते।
नयन मां को छोड़कर दूसरे घर में रहने लगा, बहुत जल्दी उसने शादी भी कर ली और शादी में अपनी मां को भी नहीं बुलाया। दूसरी तरफ उसकी बूढ़ी हो चुकी मां जिसे इस समय सबसे ज्यादा सहारे की जरूरत थी, अपने बेटे को याद कर कर के बड़ी मुश्किलों से अपनी बच्ची हुई जिंदगी काटने लगी। नयन कभी अपनी मां के घर जा कर यह देखने की भी कोशिश नहीं करता कि वह कहीं बीमार तो नहीं उसे किसी चीज की आवश्यकता तो नहीं।
अपने बेटे को याद कर करके बूढ़ी मां बीमार भी हो गई और धीरे-धीरे इसी गम में मर भी गई मगर मरने से पहले नयन की मां ने उसके बेटे के लिए एक पत्र लिखा और किसी के हाथों उस तक पहुंचा दिया।
जब खत मिलन तक पहुंचा तब उसे पता चला कि उसकी मां इस दुनिया में नहीं है उसे थोड़ा दुख भी हुआ और उसने खत को खोल कर पढ़ना शुरू किया उसमें लिखा था..'बेटा जब तुमसे या जिंदगी से कोई शिकायत नहीं है। मैं जल्द ही मरने वाली हूं और जब मैं भगवान से मिलूंगी तो मैं उनसे तुम्हारी सुख और सेहत के लिए प्रार्थना करूंगी। बेटा मैं मरने से पहले तुम्हें एक बात बताना चाहती हूं... मेरी एक आंख ना होने से तुम मुझे जिंदगी भर नफरत करते रहे।मगर इस एक आंख का ना होने का कारण मैंने तुम्हें कभी नहीं बताया। जब तुम छोटे थे खेलते खेलते तुमने अपनी आंख में घाव लगा लिया था,जब मैं तुम्हें डॉक्टर के पास लेकर गई थी तो डॉक्टर ने कहा था कि तुम्हारी एक आंख हमेशा के लिए खराब हो गई है और तुम जिंदगी में कभी इस आंख से देख नहीं पाओगे। तब मैंने डॉक्टर से पूछा था कि क्या मैं अपने आप अपने बेटे को दे सकती हूं? डॉक्टर ने जैसे ही मुझे हां कहा मैंने एक भी सेकंड इधर उधर ना सोचते हुए अपनी आंख तुम्हें दे दी थी। मैं तुम्हें यह बात कभी नहीं बताती मगर मैं यह नहीं चाहती थी कि तुम मरने के बाद भी मुझे नफरत करो इसलिए आज मैं यह बात बता रही हूं!'
जब नयन को यह सारी बातें पता चली तो उसे अपने आप से नफरत हो गई उसे हर वह घटना याद आई जिसमें उसने अपनी मां को अपमानित किया था उसे लगने लगा की वह दुनिया का सबसे बुरा बेटा है।
Moral of the story
दोस्तों यह कहानी पढ़कर मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि आप सब की मां के प्रति आदर और प्यार और भी ज्यादा बढ़ गया होगा और आप अपने मां के त्याग और बलिदान को सम्मान से देखोगे और उनका हमेशा आदर करोगे।
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