:S.I. मात्रक के कोई तीन लाभ लिखिए।
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आज विश्व भर में प्रयोग हो रही मीट्रिक प्रणाली ने कई बदलाव देखे हैं। इसने कई परंपरागत प्रणालियों को अधिक्रमित भी किया है। द्वितीय विश्व युद्ध के बहुत बाद तक कई भिन्न मापन प्रणालियाँ विश्व भर में प्रयुक्त हो रहीं थीं। इनमें से कई प्रणालियाँ, मीट्रिक प्रणाली की ही भिन्नक थी, जबकि अन्य या तो इम्पीरियम प्रणाली या फिर अमरीकी प्रणाली पर आधारित थीं। तब यह आवश्यकता सिद्ध हुई कि इन सब का मीट्रीकरण होना चाहिये, जिससे एक विश्वव्यापी मापन प्रणाली बनाई जा सके। फलतः नौवां भार एवं मापन पर सामान्य सम्मेलन (CGPM) 1948 में हुआ जिसमें भार एवं मापन अन्तर्राष्ट्रीय समिति (CIPM) को वैज्ञानिक, प्रौद्योगिक एवं शिक्षण समितियों की मापन संबंधी आवश्यकताओं का एक अन्तर्राष्ट्रीय अध्ययन करने को निर्देशित किया गया।
मात्रक के कोई तीन लाभ लिखिए।
कार्य का SI मात्रक जूल है |
SI इकाइयों की तर्कसंगत प्रणाली है, यह किसी विशेष भौतिक मात्रा को केवल एक इकाई प्रदान करती है।
भौतिकी में कार्य होना तब माना जाता है जब किसी वस्तु पर कोई बल लगाने से वह वस्तु बल की दिशा में कुछ विस्थापित हो जाती है |
एसआई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इकाइयों की स्वीकृत प्रणाली है।
SI मीट्रिक प्रणाली है, सिस्टम की गुणकों और उप-बहुओं को 10 की शक्ति के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।
SI इकाइयों की सुसंगत प्रणाली है, एक प्रणाली जो मूलभूत इकाइयों के निश्चित सेट पर आधारित है।
एक जूल, एक को बल की दिशा में, एक दूरी तक लगाने में, या फिर एक की को एक के से एक तक गुजारने में व्यय हुई ऊर्जा या किए गये कार्य के बराबर होता है।