Physics, asked by sunillge111, 1 month ago

(स) अपरिवर्तित रहता है
(द) पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है
(v) किसी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के लिए आवश्यक ऊमा कहलाती।
(अ) विशिष्ट ऊष्मा -
गुप्त ऊष्मा
(स) मोलर विशिष्ट ऊष्मा
(द) जल तुल्यांक​

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Answered by ItzMonster
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Explanation:

यह एक सामान्य अनुभव है कि किसी वस्तु का ताप बढ़ाने के लिये उसे उष्मा देनी पड़ती है। किन्तु अलग-अलग पदार्थों की समान मात्रा का ताप समान मात्रा से बढ़ाने के लिये अलग-अलग मात्रा में उष्मा की जरूरत होती है। किसी पदार्थ की इकाई मात्रा का ताप एक डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिये आवश्यक उष्मा की मात्रा को उस पदार्थ का विशिष्ट उष्मा धारिता (Specific heat capacity) या केवल विशिष्ट उष्मा कहा जाता है। इससे स्पष्ट है कि जिस पदार्थ की विशिष्ट उष्मा अधिक होगी उसे गर्म करने के लिये अधिक उष्मा की आवश्यकता होगी। उदाहरण के लिये, शीशा (लेड) का ताप १ डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिये जितनी उष्मा लगती है उससे आठ गुना उष्मा एक किलोग्राम मग्नीशियम का ताप १ डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिये आवश्यक होती है। किसी भी पदार्थ की विशिष्ट उष्मा मापी जा सकती है। विशिष्ट ऊष्मा का S.I. मात्रक जूल/ किलोग्राम/ केल्विन है एवं इसका व्यावहारिक मात्रक कैलोरी /ग्राम / डिग्री सेल्सियस होता है। इसका लोहे की छड़ पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसका उत्तर क्या होगा

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