संबंध कारक और अधिकरण कारक में अंतर स्पष्ट करते हुए सोदाहरण दें
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संबंध कारक
1. संज्ञा या सर्वनाम का वह रूप जो हमें किन्हीं दो वस्तुओं के बीच संबंध का बोध कराता है, वह संबंध कारक कहलाता है।
2. सम्बन्ध कारक के विभक्ति चिन्ह "का, के, की, ना, ने, नो, रा, रे, री आदि हैं।"
अधिकरण कारक
1. जिस शब्द से क्रिया के आधार का बोध हो, उसे अधिकरण कारक कहते हैं। ... अधिकरण कारक में अधिकरण का अर्थ होता है- आधार या आश्रय।
2. इसकी विभक्ति चिह्न "में और पर" होती है।
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