Hindi, asked by kumarisakshi1107, 8 months ago

संबंधों पर आधारित पोयम​

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Answered by EXMENDYT
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Answer:

संबंध

पुस्तक में लिखा

कोई एक शब्द नहीं होता,

जो लिखा जाता है

केवल पढ़ने के लिए;

और न ही चाहता है

अपनी व्याख्या

तर्कों के आधार पर।

संबंध

केवल शब्द नहीं होता

जो सहेज दिया जाता है

शब्दकोश में

उसका अर्थ

समझाने के लिए

बेजान, अनजान लोगों को ।

संबंध

ख़ातों में लिखी

कोरी औपचारिकता नहीं होता।

और न ही

बधाई-कार्डों तक सीमित

कोई दिखावा

जिसे साल में एक बार

आ जाने वाली याद,

समझ लो तुम!

संबंध

न ही रूढ़ि़ है

न ही परंपरा

प्यार के प्रदर्शन की ।

संबंध तो सचमुच

अपनत्व के गहरे सागर में

डूबे हुए क्षणों का अहसास है,

जो सारे दिखावों से दूर

ज़िंदगी के हर एक लम्हे को,

हमारे-तुम्हारे पल-पल को

आत्मसात कर लेता है

अपने अंदर ।

नहीं हो सकती

संबंधों की व्याख्या

क्योंकि ये

किताबी नहीं होते;

और न ही संबंध

सजाए जा सकते हैं कमरों में,

मोहक बधाई कार्डों की तरह;

क्योंकि ये आत्मीयता से पगे होते हैं

क्योंकि ये औपचारिक नहीं होते ।

संबंधों की डोर में बँधे आत्मीयों को,

विस्मृति का अहसास

भला कैसे हो सकता है?

क्योंकि ये ही तो बाँधते हैं हम सबको

स्नेह की अदेखी रेशम-डोरी से,

इसीलिए सच्चे संबंध

सामयिक नहीं होते

स्थाई रहकर सुख देते हैं मन को !

शायद इसीलिए

मेरा मन

घबराता है

संबंधों की व्याख्या करने से ।

आशा करता हूं आपको मेरा उत्तर पसंद आया हो। अगर हां तो कृपया मुझे brainliest मार्क कीजिए

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