सुबह-सुबह बच्चे कहाँ जा रहे हैं ? पठित कविता के आधार पर बताइए -
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➲ सुबह-सुबह बच्चे काम पर जा रहे हैं।
व्याख्या ⦂
✎... ‘राजेश जोशी’ द्वारा रचित कविता ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ में कवि के अनुसार बच्चों का कार्य अपने बचपन को जीने का होता है, बचपन यानी खेलने कूदने उम्र और शिक्षा हासिल करने की उम्र। स्वयं को सबल बनाने की उम्र। खेलने कूदने और शिक्षा हासिल करने की उम्र में बच्चे यदि काम पर जाएंगे तो उनका बचपन नष्ट हो जाएगा और वह उनका विकास सही रूप से नहीं हो पाएगा।
बच्चे देश का भविष्य होते हैं, यदि देश का भविष्य ही कमजोर होगा तो देश के विकास की नींव भी कमजोर हो जाएगी। इसलिए कवि ने समय की भयानक पंक्ति बच्चों के काम पर जाने को कहा है।
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