Hindi, asked by vandanadhawan742, 2 months ago

सुभाषित का महत्त्व दस वाक्यों में लिखिए हिंदी में l​

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Answered by d7825apatel
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Answer:

Explanation:

संस्कृत सुभाषित के हिन्दी अर्थ हैं।

सुभाषित शब्द "सु" और "भाषित" के मेल से बना है जिसका अर्थ है "सुन्दर भाषा में कहा गया"। संस्कृत के सुभाषित जीवन के दीर्घकालिक अनुभवों के भण्डार हैं।

अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम्।

उदारचरितानां तु वसुधैवकुटम्बकम्॥११॥

"ये मेरा है", "वह उसका है" जैसे विचार केवल संकुचित मस्तिष्क वाले लोग ही सोचते हैं। विस्तृत मस्तिष्क वाले लोगों के विचार से तो वसुधा एक कुटुम्ब है।

क्षणशः कणशश्चैव विद्यां अर्थं च साधयेत्।

क्षणे नष्टे कुतो विद्या कणे नष्टे कुतो धनम्॥१२॥

प्रत्येक क्षण का उपयोग सीखने के लिए और प्रत्येक छोटे से छोटे सिक्के का उपयोग उसे बचाकर रखने के लिए करना चाहिए, क्षण को नष्ट करके विद्याप्राप्ति नहीं की जा सकती और सिक्कों को नष्ट करके धन नहीं प्राप्त किया जा सकता।

अश्वस्य भूषणं वेगो मत्तं स्याद गजभूषणम्।

चातुर्यं भूषणं नार्या उद्योगो नरभूषणम्॥१३॥

तेज चाल घोड़े का आभूषण है, मत्त चाल हाथी का आभूषण है, चातुर्य नारी का आभूषण है और उद्योग में लगे रहना नर का आभूषण है।

क्षुध् र्तृट् आशाः कुटुम्बन्य मयि जीवति न अन्यगाः।

तासां आशा महासाध्वी कदाचित् मां न मुञ्चति॥१४॥

भूख, प्यास और आशा मनुष्य की पत्नियाँ हैं जो जीवनपर्यन्त मनुष्य का साथ निभाती हैं। इन तीनों में आशा महासाध्वी है क्योंकि वह क्षणभर भी मनुष्य का साथ नहीं छोड़ती, जबकि भूख और प्यास कुछ कुछ समय के लिए मनुष्य का साथ छोड़ देते हैं।

Answered by krishna210398
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Answer:

क्षणशः कणशश्चैव विद्यां अर्थं च साधयेत्। क्षणे नष्टे कुतो विद्या कणे नष्टे कुतो धनम्॥१२॥ प्रत्येक क्षण का उपयोग सीखने के लिए और प्रत्येक छोटे से छोटे सिक्के का उपयोग उसे बचाकर रखने के लिए करना चाहिए, क्षण को नष्ट करके विद्याप्राप्ति नहीं की जा सकती और सिक्कों को नष्ट करके धन नहीं प्राप्त किया जा सकता।

Explanation:

सुभाषित के महत्त्व के वाक्य संस्कृत/हिंदी में​ इस प्रकार होगा...

सत्यमेव जयते।

➲ सत्य की ही जीत होती है।

अहिंसा परमो धर्म।

➲ अहिंसा की सबसे बड़ा धर्म है।

विद्या विनयं ददाति।

➲ विद्या विनम्रता प्रदान करती है।

उद्यमेन हि सिद्धयन्ति कार्याणि मनोरथैः।

➲ केवल सोचने से कार्य नही होते बल्कि कर्म करने से कार्य होते हैं।

माता पिता चेति स्वभावात् हितम्।

➲ माता पिता अपनी संतान का हित ही सोचते हैं।

सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात ब्रूयान्नब्रूयात् सत्यंप्रियम्।

➲ वो सत्य कहो जो सभी को प्रिय लगता हो, ऐसा सत्य मत कहो, जिससे किसी की हानि होती हो।

वसुधैव कुटुम्बकम्।

➲ सारा संसार ही एक परिवार है।

जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।

➲ माता और मातृभूमि का महत्व स्वर्ग से बढ़कर है।

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सुभाषित का महत्त्व दस वाक्यों में लिखिए हिंदी में l​

सुभाषित का महत्त्व दस वाक्यों में लिखिए संस्कृत/हिंदी में​

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