संभाषण कुशलता पर माधव राव सप्रे के विचार स्पष्ट कीजिए
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माधव राव सपरे के अनुसार संभाषण की भाषा सरल एवं स्पष्ट होनी चाहिए जिससे सुनने वाला आसानी से समझ सके। भाषण में अत्याधिक कठिन शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। सच्चाई : संभाषण करते समय बातों में सच्चाई होनी चाहिए। बातें तथ्यपरक होनी चाहिए और उसमें सत्यता का समावेश होना चाहिए।
माधवराव सप्रे (जून १८७१ - २६ अप्रैल १९२६) हिन्दी के साहित्यकार, पत्रकार थे। वे हिन्दी के प्रथम कहानी लेखक के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने राष्ट्रीय कार्य के लिए उपयुक्त अनेक प्रतिभाओं को परख कर उनका उन्नयन किया। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी उनकी अग्रणी भूमिका थी। प्रखर संपादक के रूप में लोक प्रहरी व सुधी साहित्यकार के रूप में उनकी भूमिका लोक शिक्षक की है। कोशकार और अनुवादक के रूप में उन्होंने हिंदी भाषा को समृद्ध किया।
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