Hindi, asked by sejalkesarwani19, 6 months ago

सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित ' मातृ मंदिर की ओर ' कविता राष्ट्र - प्रेम और आत्मबलिदान की भावना से पूर्ण है। सिद्ध कीजिए। ४०० शब्द

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Answered by sharma41abhay
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Answer:

यह कविता उस समय की है जब देश अंग्रेज़ों का गुलाम था और अंग्रेज़ों के अत्याचार और शोषण से पीड़ित था। सुभद्रा कुमारी चौहान की प्रस्तुत कविता राष्ट्र-प्रेम और आत्मबलिदान की भावना से पूर्ण है।

कवयित्री  का देश-प्रेमी हृदय व्यथित है क्योंकि हमारा भारत देश पराधीनता की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था। अंग्रेज़ हम पर अमानवीय अत्याचार कर रहे थे और देशभक्त स्वतंत्रता-सेनानियों के अथक प्रयास के बावज़ूद देश को स्वतंत्र कराने का स्वप्न पूरा नहीं हो पा रहा था।कवयित्री ईश्वर से यह प्रार्थना करती है कि वह अत्यंत दीन, दुर्बल, छोटी और अज्ञानी हैं और भारत माँ के मंदिर तक पहुँचने का मार्ग अत्यंत कठिन भी है। अत: ईश्वर उनकी सहायता करे और उन्हें ऐसी शक्ति प्रदान करे कि वे वहाँ तक पहुँचने में सफल हों और भारत माँ की रक्षा करने हेतु आत्मबलिदान कर सकें।

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