सुभद्रा कुमारी कविता
इस कविता को आत्मकथा के रूप में लिखिए ।
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झांसी की रानी की समाधि पर
Explanation:
इस समाधि में छिपी हुई है एक राख की ढेरी। जलकर उसने स्वतंत्र की दिव्य आरती फेरी। या समाधि यह लघु समाधि है झांसी की रानी की। अंतिम लीला स्थली यही है लक्ष्मी मरदानी की फुर्सत यहीं कहीं पर बिखर गई वह भाग्यविजय माला सिन्हा संचित है यह साला सी।
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मेरा नया बचपन इस कविता को सुभद्राकुमारी चौहान
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