Geography, asked by ashakachhap865, 6 months ago

संभववाद की अवधारणा को उपयुक्त उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए​

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Answered by ambartevaishakh
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Answer:

एक ऐसे संप्रदाय (स्कूल) के रूप में स्थापित हुआ जिसकी विचारधारा और दर्शन इस बात का समर्थन करते थे कि मनुष्य एक चिंतनशील प्राणी के रूप में, अपने प्राकृतिक पर्यावरण द्वारा उपस्थित की जाने वाली दशाओं में चुनने की स्वतंत्रता रखता है[2] और इस प्रकार किसी क्षेत्र अथवा प्रदेश में अपने चयन के अनुसार चीजों को संभव बनाता है। यह भूगोल में नियतिवादी विचारधारा के विरुद्ध[3] खड़ा होने वाला संप्रदाय था क्योंकि नियतिवादियों का मानना यह था कि प्रकृति द्वारा प्रस्तुत दशाएँ ही किसी क्षेत्र के मानव जीवन और संस्कृति को पूरी तरह नियंत्रित करती हैं।

इस भावना को सर्वप्रथम फ्रांसीसी भूगोलवेत्ताओं द्वारा पुरःस्थापित किया गया और विडाल डी ला ब्लाश के लेखन से इसका आरंभ हुआ।[3] फ्रांसीसी विद्वान फेव्रे ने इसे "संभववाद" का नाम दिया। इस विचारधारा के विद्वानों का मत है कि मानव प्रकृति के तत्व को चुनने के लिए स्वतंत्र होता है। सर्वत्र संभावनाएं हैं और मनुष्य इन संभावनाओं का स्वामी है। फेव्रे का विचार है, "कहीं अनिवार्यता नहीं है, सब जगह संभावनाएं हैं। मानव उसके स्वामी के रूप में उनका निर्णायक है। संभावनाओं के उपयोग से स्थिति में जो परिवर्तन होता है, उससे मानव को, मात्र मानव को ही प्रथम स्थान प्राप्त होता है। पृथ्वी, जलवायु या विभिन्न स्थानों की नियतीवादी परिस्थितियों को वह स्थान कदापि नहीं मिला सकता। ब्लाश का मानना है कि मानव को अपने वातावरण में रहकर कार्य करना पड़ता है, इसका अर्थ यह नहीं है कि वह वातावरण का दास है। मानव एक क्रियाशील प्राणी है जिसमें वातावरण में परिवर्तन लाने की असीम क्षमता है अर्थात वह अकर्मण्य तभी होता है जब भौतिक विश्व उसे निष्प्राणित कर देता है।

इसके प्रमुख समर्थकों में फ्रांसीसी विद्वान विडाल डी ला ब्लाश, फेव्रे, अलबर्ट डिमांजिया इत्यादि थे और अमेरिका में, सांस्कृतिक भूगोल के तहत इसके प्रमुख समर्थक कार्ल साओर थे।

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Answered by shilpa85475
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  • आवश्यकता की स्थिति से स्वतंत्रता की स्थिति में संक्रमण पर्यावरण के संसाधनों का उपयोग करके अवसर पैदा करता है।
  • उदाहरण के लिए, प्रकृति अवसर प्रदान करती है, और लोग हर जगह अपनी छाप छोड़ते हुए इन अवसरों का लाभ उठाते हैं |
  • सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के साथ, लोग बेहतर और अधिक प्रभावी कौशल विकसित करते हैं।
  • पर्यावरण के साथ मिलकर वे नए अवसर पैदा करते हैं।
  • प्रकृति अवसर प्रदान करती है, और लोग इन अवसरों का लाभ उठाते हैं। इसे कहते हैं "अवसर" |
  • पर्यावरणीय नियतत्ववाद यह विश्वास है कि सामाजिक परिवर्तन दुनिया के कारण होता है या लोग अपने प्राकृतिक पर्यावरण से प्रभावित होते हैं।
  • पॉज़िबिलिज़्म एक ऐसी दुनिया का विचार है जिसके लिए लोग अपना सकते हैं या जीत सकते हैं।
  • संभावना: लोग समय के साथ बेहतर और बेहतर होते जाते हैं। मजबूत कौशल |

#SPJ2

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