सोचिए और बताइए कि आपने कभी कागज की नाव बनाई है, यादि हाँ तो कैसे?
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कागज की ये नाव है, नाव बहुत रंगीन,
लहरों पर इठला रही, लगती बड़ी हसीन।
लगती बड़ी हसीन, तैरती हौले हौले,
कागज बहुत महीन, नाव खाती हिचकोले।
महारथी उद्धार कि क्षमता गुरु पद रज की,
भव सागर से पार, नाव बेशक कागज की।।
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