Hindi, asked by unknown30195, 1 month ago

"साँच को आँच नहीं " या "थोथा चना बाजे घना "किसी एक लोकोक्ति पर आधारित एक कहानी लिखिए । [लगभग 200 शब्दों में  ]​

Answers

Answered by nihasrajgone2005
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Answer:

इनका प्रयोग औचित्य पर निर्भर करता है, अन्यथा अर्थ का अनर्थ हो जाता है; यथा-‘जंगल में हय दौड़ रहे थे।’

इस वाक्य में ‘हय’ शब्द अश्व, घोड़े आदि का पर्यायवाची है, परन्तु यहाँ इसका औचित्य सही नहीं है। इसका सही प्रयोग इस प्रकार है

‘जंगल में घोड़े दौड़ रहे थे।’ इस प्रकार अर्थ की समानता होते हुए भी पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग एक-दूसरे की जगह नहीं हो सकता।

प्रमुख पर्यायवाची शब्द इस प्रकार हैं-

(अ)

अतिथि – अभ्यागत, मेहमान, पाहुना, आगन्तुक।

अन्धकार – तिमिर, अँधेरा, तम।

अमृत – सुधा, अमी, पीयूष, सोम।

असुर – दानव, दनुज, दैत्य, राक्षस, निशाचर, मनुजाद, यातुधान।

आँख – नयन, लोचन, चक्षु, अक्षि, दृग, नेत्र।

अपराधी- गुनहगार, कसूरवार, मुलजिम।

अपवित्र- अशुद्ध, नापाक, अस्वच्छ, दूषित।

अफवाह- गप्प, किंवदंती, जनश्रुति

Explanation:

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Answered by MAULIKSARASWAT
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Answer:    

इनका प्रयोग औचित्य पर निर्भर करता है, अन्यथा अर्थ का अनर्थ हो जाता है; यथा-‘जंगल में हय दौड़ रहे थे।’    

इस वाक्य में ‘हय’ शब्द अश्व, घोड़े आदि का पर्यायवाची है, परन्तु यहाँ इसका औचित्य सही नहीं है। इसका सही प्रयोग इस प्रकार है    

‘जंगल में घोड़े दौड़ रहे थे।’ इस प्रकार अर्थ की समानता होते हुए भी पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग एक-दूसरे की जगह नहीं हो सकता।    

प्रमुख पर्यायवाची शब्द इस प्रकार हैं-  

(अ)    

अतिथि – अभ्यागत, मेहमान, पाहुना, आगन्तुक।    

अन्धकार – तिमिर, अँधेरा, तम।    

अमृत – सुधा, अमी, पीयूष, सोम।    

असुर – दानव, दनुज, दैत्य, राक्षस, निशाचर, मनुजाद, यातुधान।    

आँख – नयन, लोचन, चक्षु, अक्षि, दृग, नेत्र।    

अपराधी- गुनहगार, कसूरवार, मुलजिम।    

अपवित्र- अशुद्ध, नापाक, अस्वच्छ, दूषित।    

अफवाह- गप्प, किंवदंती, जनश्रुति  

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