Hindi, asked by shubham37726, 5 months ago

संचारी भाव किसे कहा गया है और जारी भाव की संख्या कितनी है​

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Answered by piyushsharm31
4

hii mate

नृत्य और नाटक में ८ रसा होती हे | इन ८ रासो को ब्रह्मा ने प्रख्यापित किया था। वह रस है

  • शृंगार
  • हास्य
  • करुण
  • रौद्र
  • वीर
  • भयानक
  • वीभत्स
  • अद्भुत

इन रसो के साथ एक और रस हे शात | शात रस भरत का योगदान था। (भरत नात्य्शास्त्र के रचयिता हे) |

इस ९ रस में से ४ रस मौलिक रस हे | वो हैं - श्रृंगार, रौद्र, वीर और विभत्स| इन चार मौलिक रस से बाकी ९ रस का उद्भव हुआ है। श्रृंगार से हास्य का उद्भव, रौद्र से करुण का उत्भव, वीर से अद्भुत का उत्भव और विभत्स से भयानक का उद्भव होता है। कुछ रंगों का भी रस के वर्णन करने के लिए उपयोग किया जा रहा है।

Answered by tajmohamad7719
8

Answer:

संचारी भाव के भेद है - भरत मुनि ने 33 संचारी भाव माने है (निर्वेद, ग्लानि, शंका, असूया, मद, श्रम, आलस्य, देन्य, चिंता, मोह, स्मृति, घृति, ब्रीडा, चपलता, हर्ष, आवेग, जड़ता, गर्व, विषाद, औत्सुक्य, निद्रा, अपस्मार, स्वप्न, विबोध, अमर्ष, अविहित्था, उग्रता, मति, व्याधि, उन्माद, मरण, वितर्क) महाकवि देव ने 34 वां संचारी भाव ...

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