Hindi, asked by shipramajund1725, 6 months ago

सूचना क्रांति का जीवन पर प्रभाव विषय पर 200 शब्दों का एक निबंध ​

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Answered by adityakhariwal123
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Explanation:

पिछले दशक में कंप्यूटर के क्षेत्र में हुए अविश्वसनीय विकास ने एक नई क्रांति को जन्म दिया जिसे सूचना क्रांति (इंफॉर्मेशन रिवोल्यूशन) के नाम से जाना गया । वैसे तो इस क्रांति का प्रभाव पूरे विश्व पर ही पड़ा है परंतु इसके प्रभाव के केंद्र के रूप में आज भारत स्थापित हो चुका है ।

भारत अपनी पहचान एक ऐसे देश के रूप में कायम करने में सफल रहा है जो अपने मानव संसाधनों को इस क्षेत्र में पूरी तरह से संयुक्त कर सकता है ताकि इसका लाभ पूरी दुनिया को मिल सके । सूचना क्रांति के भारत पर अनेक प्रभाव पड़े हैं जिनका विवेचन करने पर इनका वास्तविक महत्व दृष्टिगोचर होता है ।

प्रथम तो यह है कि इसके प्रसार के साथ ही भारत में कंप्यूटर जागरूकता की होड़ सी लग गई । प्रत्येक बच्चा, बूढ़ा एवं युवा कंप्यूटर को जानने व सीखने की आर प्रेरित हुआ । इससे अन्य विषयों के प्रति भी आम जनता का रुझान बढ़ा और देश में ज्ञान के प्रसार में वृद्‌धि हुई ।

दूसरी ओर इंटरनेट व मल्टीमीडिया के लोकप्रिय होने के कारण घर-घर में कंप्यूटर की पहुँच संभव हुई । गली-गली में साइबर कैफे खुले जिससे अनेक शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मिला । इसके साथ इंटरनेट प्रयोक्ताओं द्‌वारा अनेक विषयों पर गहन जानकारी प्राप्त करके इसके उपयोग द्‌वारा अनेक अन्य कार्यों में वृद्‌धि हुई । यह ठीक वैसे ही है जैसे शेयर बाजार में इंटरनेट का प्रयोग ।

सूचना क्रांति के आने पर पूरे विश्व में सॉफ्टवेयर विकास की गहन आवश्यकता अनुभव की गई । भारतीय शिक्षित बेरोजगारों को इससे अच्छा अवसर शायद ही मिल पाता । प्रतिवर्ष हजारों-लाखों सॉफ्टवेयर विशेषज्ञ तैयार होने लगे ।

इनमें से आज भी हजारों विशेषज्ञ अच्छे वेतन-भन्ते हेतु विकसित देशों; जैसे – संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, ईरान आदि में चले जाते हैं जहाँ से धन कमाकर वे भारत में लाते हैं । इस प्रकार यह भारत में विदेशी मुद्रा के आगमन का एक और स्रोत बनकर उभरा है । ध्यान देने योग्य तथ्य है कि प्रवासी भारतीयों द्‌वारा भारत में धन भेजने तथा यहाँ निवेश करने के कारण हमारे देश की अर्थव्यवस्था को संबल मिला है ।

विश्व में यकायक उभरी सॉफ्टवेयरों की माँग को पूरा करने के लिए भारत में अनेक कंपनियाँ उभर कर सामने आई । इनमें से कुछ कंपनियाँ; जैसे – विप्रो, इंफोसिस आदि विश्व की सर्वाधिक संपन्न कंपनियों में सम्मिलित हो चुकी हैं । इन कंपनियों ने न केवल अनेक शिक्षितों को रोजगार प्रदान किया है अपितु ये प्रतिवर्ष भारी मात्रा में सरकार को कर भी प्रदान करती हैं ।

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