सुचना लेखन
नाटक की तैयारी के विषय मे बताते मित्र को पत्र लिखे
Answers
12/24 करोल बाग
केशव नगर
नयी दिल्ली
Date
प्रिय मित्र,
मैं यहाँ कुशल मंगल हूँ और आशा करती हूं कि तुम भी कुशल मंगल होगी। पिछले महीने तुम्हारा पत्र मिला पर विद्यालय वरिसिकोत्सव के कारन मैं तुम्हें पत्र नहीं लिख पायी। आज ही वरिसिकोत्सव का कार्यक्रम समाप्त हुआ है तो मैंने सोचा तुम्हे पत्र लिख दूँ। यह वरिषकोत्सव मेरे लिये सदैव ही प्रिय होगा क्योंकि मुझे पहली बार विद्यालय के सर्वश्रेस्ठ विद्यार्थी के लिए सम्मानित किया गया है |
हिंदी नाटक के लिए हिंदी के अधयापक के हाथ में बागडोर थी और क्योंकि वो थोड़े गुस्सेल स्वभाव के हैं पर सर ने सवं ही जा कर सारे विधायर्थियों से इस विषय में बात की और सब ने खुश होकर अपना नाम दिया। सारे कार्यक्रम का अभ्यास के लिए एक समय निर्धारित किया गया और विद्यार्थी सिर्फ उसी समय पर अभ्यास कर सकते थे न ही पहले न बाद में। आखिर वो दिन आ हु गया जिसके लिए सब बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। सब अपने अपने कार्यक्रम को लेकर कुछ ज्यादा ही परेशान लग रहे थे परेशान से ज्यादा चिंतित थे कि आखिर कैसा होगा उनका उनका प्रदर्शन हमारे मुख्य अतिथि यानी हमारे मुख्यमंत्री के सामने कैसा होगा सब इस बात को लेकर कुछ ज्यादा ही परेशान थे पर बावजूद इसके सब बहुत उत्साहित थे और उत्तेजित भी।
तुम्हारी प्यारी मित्र