सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
पाप काँपता है और अब उसे लगता है कि इस वेग ।
जाएगा-बिखर जाएगा। तब पाप अपना ब्रह्मास्त्र तोलता है
सत्य पर फेंकता है। यह ब्रह्मास्त्र है-श्रद्धा।
इन क्षणों में पाप का नारा होता है- “सत्य की जय!
जय!
अब वह सुधारक की करने लगता है चरणवंदना और उस
महिमा का गान और बखान।
TIST
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najsjsjsjajajajahbabshsj
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