सूचना संप्रेषण उपागम की संरचना के कितने सोपान है
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सूचना संप्रेषण उपागम की संरचना के कितने सोपान है :
सूचना संप्रेषण उपागम की संरचना के भाषा , चित्र, पुस्तक और इंटरनेट , टेलीविजन , रेडियो आदि सरंचना के सोपान है | इनके माध्यम से हम तरह-तरह की जानकारी किसी भी स्थान में रह कर प्राप्त कर सकते है |
भाषा और संचार के माध्यम से आज मनुष्य के जीवन में कुछ आसन हो गया है | संचार के माध्यम से हम संदेश को देश-विदेश दूर-दूर तक भेज सकते है | संचार के माध्यम से सूचना आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचा सकते है |
जन संचार के माध्यम से रेडिओ , सिनेमा , समाचार पत्र , किताबें आदि से सब को बहुत लाभ हो गया है | मिडिया की सहायता से घर पर ही सब खबर मिल जाती है |
भारत में आज जितनी भी भाषाएं बोली जाती हैं, जिसके माध्यम से वह संप्रेषण और विचार-विमर्श ही नहीं कर सके बल्कि जिसका कोई वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक आधार भी हो। पहली बार किसी भाषा का आविष्कार हुआ था तो वह संस्कृत भाषा थी। लोगों ने भाषाओं का विकास किया और उसे अपने देश और धर्म की भाषा बनाया। उन सभी से पहले संस्कृत, प्राकृत, पाली, अर्धमागधि आदि भाषाओं का प्रचलन था। भाषा और संचार के माध्यम से देश बहुत प्रगति हुई है |
सूचना संप्रेषण उपागम की संरचना के सोपान निम्नलिखित हैं।
- मोबाइल फोन, टेलीविजन, टेलीफोन, समाचार पत्र इत्यादि सूचना संप्रेषण उपागम की संरचना के सोपान हैं।
- सूचना संप्रेषण को अंग्रेजी में कम्युनिकेशन कहा जाता है।सूचना संप्रेषण का एक व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति से जुड़ने का एक प्रयोग है।
- सूचना संप्रेषण के उदाहरण है फोन, इ- मेल मोबाइल आदि।
- फोन की सहायता से लोग एक दूसरे से बातें कर सकते है तथा इस प्रकार लोग एक दूसरे से जुड़े रहते है।
- सूचना संप्रेषण सामाजिक वातावरण को एक सही तथा व्यवस्थित दिशा दिखाने में समर्थ है।
- सूचना संप्रेषण आज के युग में तकनीकी तथा मानव जीवन की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बन गई है।
- सूचना संप्रेषण किसी भी क्षेत्र के अधिकारियों के ज्ञान में वृद्धि का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है।