सोडियम कार्बोनेट बनाने की औद्योगिक विधि संचित वरणन कीजिए
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लब्लाँ विधि -
इस विधि में सोडियम कार्बोंनेट बनाने के लिये साधारण नमक, कोयला, सल्फ्यूरिक अम्ल और चूने के पत्थर की आवश्यकता पड़ती है। साधारण नमक को पहले सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिकृत करते हैं। यह क्रिया दो पदों में होती है। पहले पद में सोडियम हाईड्रोजन सल्फेट NaHSO4 बनता है और अंत में दूसरे पद में सोडियम सल्फेट (Na2SO4), जिसे लवणपिंड (salt cake) कहते हैं :
NaCI+H2SO4 =NaH SO4+HCI
NaCI+NaHSO4 =Na2SO4+HCI
दोनों पदों में हाइड्रोकलोरिक अम्ल निकलता है, जिसकी वाष्प को अलग घोल लेते हैं और उसका उपयोग क्लोरीन तथा विरंजन चूर्ण तैयार करने में करते हैं।
जब लवणपिंड तैयार हो जाता है तब इसे चूने के पत्थर और कोक (कार्बन) के साथ गरम करके अपचयित करते हैं। ऐसा करने पर काली राख मिलती है, जो सोडियम कार्बोनेट और कैलसियम सल्फाइड का मिश्रण होती है:
Na2 SO4+CaCO3+4C=Na2CO3+CaS+4CO
पानी के साथ जब काली राख खलभलाई जाती है, तब सोडियम कार्बोनेट तो इसमें घुल जाता है और कैलसियम सल्फाइड का काला कीचड़ बच रहता है। 1835 ई. में चांस (Chance) भाइयों ने इस काले कीचड़ में से गंधक प्राप्त करने की एक विधि निकाली। कार्बन डाइऑक्साइड के योग से यह कैलसियम सल्फाइड हाइड्रोजन सल्फाइड देता है और यह गैस फेरिक ऑक्साइड की विद्यमानता में भट्ठी के ताप पर हवा द्वारा उपचायित होकर गंधक देती है।
एमोनिया सोडा विधि या सॉलवे विधि-
इस विधि के द्वारा साधारण नमक पाँच पदों में क्रिया करके सोडियम कार्बोनेट देता है। यह विधि ऐमोनिया की सहायता पर निर्भर है।