History, asked by behaviour274, 1 year ago

सूफी मत की शिक्षाओं का वर्णन कीजिए।

Answers

Answered by ps9174656
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Explanation:

प्रारम्भ में सूफी लोग (आठवीं व नवीं सदी में) अरब में दिखाई पड़े और लम्बे समय तक उनकी पहचान उनके पहनावे ऊनी वस्त्रों से की जाने लगी. साधारणतः सफ का अर्थ ऊन या भेड़-बेकरी के ऊनी कपड़े से होता है जो साफ से बने वस्त्र पहनता था, वह सूफी कहलाता था.इब्नुलअरबी प्रथम व्यक्ति था जिसने सूफी मत में महत्त्वपूर्ण सिद्धांत वहदत्त-उल-वुजूद (wahdat ul wajood) दिया. जिसका अर्थ है, ईश्वर सर्वव्याप्त है व सभी में उसकी झलक है, उससे कुछ भी अलग नहीं है, सभी मनुष्य समान हैं. सूफियों के निवास स्थान खानकाह कहलाते थे जबकि उनकी वाणी महफूजात (ग्रन्थ) में थी.

सैयद मुहम्मद हाफिज के मतानुसार ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती (1192 ई. में मोहम्मद गौरी के साथ आये) ने भारत में सूफी मत का प्रारम्भ किया.

Answered by kumarinimita2003
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१. ईश्वर एक है और सभी लोग उनकी संतान है।

२. कोई भी व्यक्ति प्रेम और भक्ति के माध्यम से ईश्वर तक पहुंच सकता है ना कि धार्मिक कर्मकांड द्वारा।

३. भक्ति मय ईश्वर तक पहुंचने का एक महत्वपूर्ण मार्ग है।

४. ईश्वर संबंधी ज्ञान मन की शुद्धता और आत्म संयम से मिलता है।

५. सूफी लोग अपने गुरु को पीर कहते थे व्यक्ति को पीर के उपदेशों को अपने जीवन में उतारना चाहिए।

६. सूफ़ी संत सभी मनुष्यों के बीच समानता और भाईचारे की भावना में विश्वास रखते थे।

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