"संगीत का क्षेत्र ही विस्तीर्ण है। वहाँ अब तक अलक्षित, असंशोधित और अदृष्टिपूर्ण ऐसा खूब बड़ा प्रान्त है तथापि बड़े जोश से इसकी खोज और उपयोग चित्रपट के लोग करते चले आ रहे हैं"इस कथन को वर्तमान फिल्मी संगीत के सन्दर्भ में स्पष्ट कीजिए।
Answers
Answer:
उत्तर:
भारतीय संगीत शास्त्र बहुत प्राचीन है। इसमें वैदिक काल से ही नाना प्रकार के प्रयोग होते रहे हैं। इतनी प्राचीन परंपरा होने के कारण उसका क्षेत्र भी बहुत विशाल हैं। इसके अतिरिक्त भारतीय संस्कृति भी बहुरंगी संस्कृति है। इसमें केवल भारतीय ही नहीं अपितु विदेशों से आने वाली संस्कृतियों का भी समावेश समय-समय पर होता रहा है। आज भी संगीत में नए-नए प्रयोग होते देखे जा सकते हैं।
शास्त्रीय व लोकसंगीत की परंपरा आज भी निरंतर चल रही है, किंतु उनमें नाना प्रकार के प्रयोग करके संगीत को नया आयाम आज की फ़िल्मों में दिया जा रहा है। फ़िल्मों में गीत-संगीतकार कुछ न कुछ नया करने का प्रयास पहले से ही करते आए हैं। आजकल के फ़िल्मी संगीत पर भी यह बात लागू होती है। कभी इसमें पॉप संगीत का मिश्रण किया जाता है तो कभी सूफी संगीत का तथा कभी लोक संगीत का लोकसंगीतों में भी अनेकानेक प्रांतों के संगीत को आधार बनाकर नए नए गीतों की रचना कर उन पर संगीत
दिया जाता है।
इसका फ़िल्मकार लोग बहुत जोर-शोर से प्रचार भी करते हैं। इस प्रकार वर्तमान फ़िल्मी संगीत में भी नए प्रयोगों के माध्यम से संगीत का विस्तार हो रहा है।