Hindi, asked by umangdwivedi03, 4 months ago

संगीत सुनकर मनुष्य अपने खुद को बैठा है इस विषय पर 40 से 50 शब्दों में अपने विचार लिखिए ​

Answers

Answered by gyaneshwarsingh882
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Answer:

Explanation:

संगीत सुनकर मनुष्य अपनी सुध बुध खो बैठता है, क्योंकि संगीत एक ऐसी कला है जो अपनी तरंगों के माध्यम से मनुष्य के मन मस्तिष्क को आनंदित कर देती है। जो व्यक्ति मनुष्य संगीत की गहराइयों में जितना अधिक डूबता जाता है, वह संगीत में उतना ही अधिक आनंद लेता जाता है। संगीत की कोई भाषा नहीं होती उसके लिए संगीत के गूढ़ रहस्य समझने की आवश्यकता नहीं होती। यदि संगीत का आनंद संगीत को समझने वाले बड़े-बड़े संगीत विशेषज्ञ उठाते हैं, तो संगीत का आनंद वह साधारण जन भी उठाता है, जिसे संगीत के गहन पहलुओं की कोई समझ नहीं होती, क्योंकि संगीत स्वयं अपने आप में इतना सरल एवं प्रभावशाली होता है, कि हर किसी के मन मस्तिष्क को छू लेता है।

संगीत की मधुर वाणी से लोग अपनी सुध बुध खो बैठते हैं और आनंदित होते हैं। संगीत तनाव को कम करता है, संगीत को सुनकर मानसिक शांति प्राप्त होती है। अनेक प्रयोग द्वारा सिद्ध हुआ है कि गाय-भैंस दूध देने वाले पशुओं के सामने मधुर संगीत बजाया जाता है, तो वह अधिक दूध देने लगती हैं। इससे सिद्ध होता है कि संगीत का प्रभाव केवल मनुष्यों पर ही नहीं पशुओं पर भी पड़ता है। इससे संगीत की व्यापकता का पता चलता है।

संगीत में एक जादू सा प्रभाव होता है। संसार का शायद कोई ऐसा प्राणी होगा, जो संगीत से अछूता रहा हो। हमारे कदम कदम पर संगीत बिखरा पड़ा है, बस उसे समझने की आवश्यकता है।  

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