सुगम हिंदी व्याकरण क्लास 7 प्रदूषण निबंध. please somebody tell
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Answer:
प्रदूषण निबंध
Explanation:
प्रदूषण, तत्वों या प्रदूषकों के वातावरण में मिश्रण को कहा जाता है। जब यह प्रदूषक हमारे प्राकृतिक संसाधनो में मिल जाते है। तो इसके कारण कई सारे नकरात्मक प्रभाव उत्पन्न होते है। प्रदूषण मुख्यतः मानवीय गतिविधियों द्वारा उत्पन्न होते है और यह हमारे पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करता है। प्रदूषण के द्वारा उत्पन्न होने वाले प्रभावों के कारण मनुष्यों के लिए छोटी बीमारियों से लेकर अस्तित्व संकट तक जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
बचपन में हम जब भी गर्मी की छुट्टियों में अपने दादी-नानी के घर जाते थे, तो हर जगह हरियाली ही हरियाली फैली होती थी। हरे-भरे बाग-बगिचों में खेलना बहुत अच्छा लगता था। चिड़ियों की चहचहाहट सुनना बहुत अच्छा लगता था। अब वैसा दृश्य कहीं दिखाई नहीं देता।
आजकल के बच्चों के लिए ऐसे दृश्य केवल किताबों तक ही सीमित रह गये हैं। ज़रा सोचिए ऐसा क्यों हुआ। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, मनुष्य, जल, वायु, आदि सभी जैविक और अजैविक घटक मिलकर पर्यावरण का निर्माण करते हैं। सभी का पर्यावरण में विशेष स्थान है।
मनुष्य की यह जिम्मेदारी बनती है कि उसने जितनी नासमझी से प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया है, अब उतनी ही समझदारी से प्रदूषण की समस्या को सुलझाये। वनों की अंधाधुंध कटाई भी प्रदूषण के कारको में शामिल है। अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर इस पर काबू पाया जा सकता है। इसी तरह कई उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर प्रदूषण कम करने के प्रयास किए जा सकते हैं।
अगर हमें अपनी आगामी पीढ़ी को एक साफ, सुरक्षित और जीवनदायिनी पर्यावरण देना है, तो इस दिशा में कठोर कदम उठाने होंगे। और प्रदूषण पर नियंत्रण पाना सिर्फ हमारे देश ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण पृथ्वी के लिए आवश्यक है। ताकि सम्पूर्ण पृथ्वी पर जीवन रह सके।
Explanation:
प्रदूषण का शाब्दिक अर्थ होता है दूषित होना या अशुद्ध होना, पर्यावरण यानी हमारे आसपास के क्षेत्र में दूषित पदार्थों के मिश्रण को ही प्रदूषण कहते हैं तकनीक के इस युग में सभी चीजें पानी, हवा, भोजन दूषित होते जा रहे हैं जिससे मनुष्य के जीवन को एक बड़ा खतरा उत्पन्न हो रहा है मनुष्य इस बात को भली-भांति जानता है परंतु अपने स्वार्थ सुख-सुविधा और धन के लालच में वह ईश्वर रूपी प्रकृति को निरंतर नुकसान पहुंचा रहा है | हम प्रदूषण पर सरल व प्रभावशाली निबंध प्रदान कर रहे हैं जो आपको प्रदूषण पर निबंध लिखने में सहायता करेगा |
निबंध सामग्री
प्रस्तावना
प्रदूषण का अर्थ
प्रदूषण के प्रकार
प्रदूषण के कारण
प्रदूषण के प्रभाव
नियंत्रण के उपाय
आज के दौर में प्रदूषण का खतरा बढ़ता जा रहा है हम सभी को जीवित रहने के लिए प्रकृति में संतुलन बनाए रखना अत्यधिक आवश्यक है परंतु आज के समय में विभिन्न प्रकार का बढ़ता प्रदूषण प्रकृति में असंतुलन पैदा कर रहा है जिससे मानव प्रजाति व जीव-जंतुओं के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न हो रहा है हम जानते हैं कि हमें जीवित रहने के लिए शुद्ध हवा, स्वच्छ जल तथा पोषक तत्व युक्त भोजन चाहिए परंतु आज के इस बदलते दौर में जल,वायु, भूमि या वातावरण की शुद्धता के स्तर में तेजी से गिरावट आती जा रहे हैं |
प्रदूषण का अर्थ –
प्रदूषण जिसे पर्यावरण प्रदूषण भी कहा जाता है- आपवित्र, अशुद्ध तथा दूषित आदि प्रदूषण के शाब्दिक अर्थ है यदि प्रदूषण शब्द को परिभाषित किया जाए तो इसका अर्थ है प्राकृतिक तत्व जल, वायु, मृदा आदि या पर्यावरण में दूषित पदार्थों के मिश्रण को ही प्रदूषण कहते हैं हम कह सकते हैं कि पर्यावरण में किसी भी प्रकार का परिवर्तन (भौतिक, रासायनिक या जैविक) जो पर्यावरण के प्राकृतिक गुणवत्ता तथा उपयोगिता को प्रभावित करें, प्रदूषण कहलाता है| जिसका प्रभाव मनुष्य जीवन व अन्य जीव-जंतुओं पर पड़ता है |
प्रदूषण के प्रकार –
तकनीक के इस युग में प्रदूषण के अनेक प्रकारों का जन्म हुआ है जिसमें मुख्य जल, वायु, मृदा, ध्वनि तथा रेडियोधर्मी प्रदूषण है |
जल प्रदूषण – जल की गुणवत्ता तथा उपयोगिता में कमी आना ही जल प्रदूषण है जिसके कारण इस्तेमाल योग्य व पीने योग्य पानी में निरंतर कमी आ रही है जल प्रदूषण के कारण जलीय जीव, पौधे एवं मानवीय जीवन पर अत्यधिक हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है |
वायु प्रदूषण – हवा (वायु) का दूषित होना या अपवित्र होना ही वायु प्रदूषण है वायु प्रदूषण का मुख्य कारण कार्बनडाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, क्लोरोफ्लोरोकार्बन, सल्फर डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों का वायु में मिश्रण होना है इन गैसों के उत्सर्जन का मुख्य कारण बड़े-बड़े उद्योग, मोटर वाहन तथा दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं जैसे फ्रिज कंप्यूटर आदि अनेक कारणों के कारण वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है |
मृदा प्रदूषण – मिट्टी के भौतिक, रासायनिक या जैविक गुणों में कोई ऐसा परिवर्तन जिसका असर मिट्टी की गुणवत्ता तथा उपयोगिता को नष्ट करें मृदा प्रदूषण कहलाता है इसका प्रभाव मनुष्य तथा अन्य जीवो पर पड़ता है मृदा प्रदूषण औद्योगिक अपशिष्ट, कृषि अपशिष्ट, घरेलू अपशिष्ट आदि अनेक कारणों से होता है जिसका असर मुख्य रूप से मिट्टी की उत्पादन क्षमता तथा धरातलीय जल पर पड़ता है |
ध्वनि प्रदूषण – पर्यावरण में अशांति या उच्च स्तरीय ध्वनि जो हमारी दिनचर्या को बाधित करें, ध्वनि प्रदूषण कहलाता है जिसका असर हमारी मानसिक स्थिति तथा दिनचर्या को प्रभावित करता है |
रेडियोधर्मी प्रदूषण – वह प्रदूषण होता है जब ठोस, द्रव तथा गैसीय पदार्थों में रेडियोधर्मी विकिरण उपस्थिति या प्रकट हो जाती हैं जिससे जीवो व मानव जीवन पर अविश्वसनीय घातक प्रभाव पड़ता है यह प्रदूषण परमाणु ऊर्जा उत्पादन, परमाणु विस्फोट, परमाणु परीक्षण तथा एक्स-रे मशीन आदि अनेक कारणों से होता है |