सागर की अपेक्षा पंक- जल को श्रेष्ठ क्यों बताया गया है ? इसके माध्यम से कवि ने क्या सीख दी है?
Answers
‘रहीम के दोहे’ में रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक-जल को श्रेष्ठ इसलिए बताया है, क्योंकि पंक का जल अर्थात कीचड़ का जल छोटे जीव-जंतु के प्यास को बुझाता है, यानि कि उपयोगी है। जबकि सागर इतना विशाल है, उसमें अथाह जल समाया हुआ है, लेकिन यह किसी के उपयोग का नहीं है। यह जल खारा होने के कारण व्यर्थ है और किसी काम में नहीं लाया जा सकता।
कवि के कहने का तात्पर्य यह है कि जिस चीज का उपयोग हो उसी के होने में सार्थकता है। विशाल होकर भी अनुपयोगी होने से बड़े होने का कोई औचित्य नही।
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Answer:
‘रहीम के दोहे’ में रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक-जल को श्रेष्ठ इसलिए बताया है, क्योंकि पंक का जल अर्थात कीचड़ का जल छोटे जीव-जंतु के प्यास को बुझाता है, यानि कि उपयोगी है। जबकि सागर इतना विशाल है, उसमें अथाह जल समाया हुआ है, लेकिन यह किसी के उपयोग का नहीं है। यह जल खारा होने के कारण व्यर्थ है और किसी काम में नहीं लाया जा सकता।
कवि के कहने का तात्पर्य यह है कि जिस चीज का उपयोग हो उसी के होने में सार्थकता है। विशाल होकर भी अनुपयोगी होने से बड़े होने का कोई औचित्य नही।
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