सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया'
साहिर ने ऐसा क्यों कहा है? लिखिए।
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यह दर्शाते हुए साहिर ने ऐसा इसलिए लिखा है क्योंकि वह मनुष्य का हिम्मत और साहस की कल्पना कर रहा है जिसके आगे पर्वत भी अपना शीश झुकाता है और सागर में रास्ता देता है
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Answer: उत्तर- यदि मेहनत करने वाले मिलकर कदम बढ़ाते हैं तो समुद्र भी उनके लिए रास्ता छोड़ देता है, पर्वत भी उनके सामने झुक जाते हैं। इसी हिम्मत के कारण मनुष्य पर्वत को काटकर रास्ता बना पाया, सागर में पुलों को बना पाया है, चाँद तक पहुँच गया।
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