संगति सुमति न पावहीं, परे कुमति के धधं l
राखौ मेलि कपूर मैं, हींग न होत सुगंध ll संदर्भ, प्रसंग व भावार्थ लिखिए।
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राखौ मेलि कपूर मैं, हींग न होत सुगंध।। संदर्भ : यह पंक्तियां कवि बिहारी द्वारा रचित 'बिहारी सतसई' ग्रंथ से ली गई है। व्याख्या : कवि बिहारी कहते हैं, कि जो लोग गलत काम करने वाले होते है, उन्हें गलत काम करने की आदत सी लग जाती है।
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