Economy, asked by Nishant9818, 8 months ago

संगठित और असंगठित क्षेत्रको कि रोजगार परिस्थितियों की तुलना करें?

Answers

Answered by Arm25
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Explanation:

संगठित क्षेत्रक:

पंजीकरण: संगठित क्षेत्रक में वे उद्यम अथवा कार्य-स्थान आते

हैं जहाँ रोज़गार की अवधि नियमित होती हैं और इसलिए लोगों

के पास सुनिश्चित काम होता है। वे क्षेत्रक सरकार द्वारा पंजीकृत

होते हैं।

नियमः वे पंजीकृत होते हैं, इसलिए उन्हें सरकारी नियमों एवं

विनियमों का अनुपालन करना होता है। इन नियमों एवं विनियमों

का अनेक विधियों, जैसे, कारखाना अधिनियम न्यूनतम मजदूरी

अधिनियम, सेवानुदान अधिनियम, दुकान एवं प्रतिष्ठान

अधिनियम, इत्यादि में उल्लेख किया गया हैं।

वेतन और भत्ते आदिः वे नियोक्ता से कई दूसरे लाभ भी ले

सकते हैं जैसे की सवेतन छुट्टी,अवकाश काल में भुक्तान, भविष्य

निधि, सेवानुदान इत्यादि पाते हैं।

रोज़गार की सुरक्षा: संगठित क्षेत्रक के कर्मचारियों को रोज़गारसुरक्षा के लाभ मिलते हैं। उनसे एक निश्चित समय तक ही काम

करने की आशा की जाती है। यदि वे अधिक काम करते हैं तो

नियोक्ता द्वारा उन्हें अतिरिक्त वेतन दिया जाता है।

असंगठित क्षेत्रकः

सरकार का नियंत्रण न होना: असंगठित क्षेत्रक छोटी-छोटी

और बिखरी इकाइयों, है जो बड़े पैमाने पर सरकार के नियंत्रण से

बाहर होती हैं, से निर्मित होता हैं।

अनुशासन का अभाव: इस क्षेत्रक के नियम और विनियम तो

होते हैं परन्तु उनका अनुपालन नहीं होता है।

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