संघ एक्टो प्रोक्टा के लक्षण लिखिए
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यह जन्तु जगत का सबसे बड़ा संघ है।
इसकी लगभग 9 लाख जातियाँ ज्ञात है।
इस संघ की स्थापना 1845 में बोनसीबॉल्ड ने की है।
इस संघ के सदस्य सभी प्रकार के आवासों में पाये जाते है।
इनका शरीर सिर , वक्ष तथा उदर में विभक्त होता है।
शरीर पर काइटिन का आवरण पाया जाता है।
संघ एक्टो प्रोक्टा के लक्षण
Explanation:
1. इस संघ के सदस्य समुद्री हैं।
2. ये जानवर एकल, जीवित, स्थिर या स्वतंत्र हैं।
3. ये बहुकोशिकीय, गैर-सममितीय और द्विकोशीय जंतु हैं।
4. उनके पास संगठन का एक भौतिक स्तर है।
5. मुख्य गुहा शरीर के मध्य से ऊपर तक पाई जाती है, जिसे साइलेंट्रोन या जठगुहा कहते हैं।
6. शरीर के शीर्ष पर एक मुंह होता है जो मुंह और गुदा दोनों का काम करता है।
7. मुंह के आसपास तंबू पाए जाते हैं, जो शिकार को पकड़ने में मददगार होते हैं।
8. शरीर की दीवार पर वंश कोशिकाएं पाई जाती हैं, जो आधार से चिपके रहने, आत्मरक्षा और भोजन को धारण करने में मदद करती हैं।
9. उनके पास बाह्य और अंतःकोशिकीय पाचन है।