संघ पोरिफेरा के लक्षण बताइए
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यह बहुकोशिकीय जंतु है, परंतु कोशिकाएं नियमित उत्तको का निर्माण नहीं करती। शरीर पर असंख्य छिद्र पाए जाते हैं। शरीर में एक गुहा पाई जाती है जिसे इस स्पंज गुहा कहते हैं उदाहरण के लिए साइकन, मयोनिया, स्पंज आदि संघ पोरिफेरा के जन्तुओ में असममिति पायी जाती है। ल्युकोसोलोनिया सबसे छोटा स्पंज है।
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संघ पोरिफेरा के प्रमुख लक्षण निम्न है -
- ये बहुकोशिकीय जलीय (Multicellular aquatic ) जंतु होते है जो साधारणत: चट्टान या किसी ठोस पदार्थ पर रहते है।
- इनकी आकृति अनियमित , बेलनाकार , अंडाकार या शाखीय होते है।
- इनके शरीर में ऊतक नहीं बनते।
- इस संघ के जंतुओं की शरीर भित्ति में अनके छिद्र पाए जाते है जिन्हे ऑस्टिया (Ostia ) कहते है। शरीर के अग्र सिरे पर एक बड़ा छिद्र पाया जाता है जिसे ओस्कुलम (Osculum ) कहते है।
- ये अत्यंत साधारण बहुकोशिकीय जीव है जिनमे नाल तंत्र (Canal system ) पाया जाता है जिसकी सहायता से सम्पूर्ण शरीर में जल प्रवाहित होता है। ये द्विलिंगी होते है।
- इनमे पुनरुद्व(Regeneration ) ऑफ़ क्षमता होती है।
- शरीर कठोर बाह्मा ककाल से ढंका होता है। कंकाल में काँटे के समान कुछ रचनाएँ होती है जिन्हे स्पिकुलस (Spicules ) कहते है।
- ये स्पिकुलस कैल्सियम कार्बोनेट या सिलिका के बने होते है।
- इनका शरीर द्विस्तरीय अन्त: चर्म एवं बाह्मा चर्म से बना होता है।
- इनमे प्रजनन अलैंगिक तथा लैंगिक दोनों ही प्रकार का होता है तथा निषेचन (Fertilization ) आंतरिक होता है।
- इनका लार्वा कशाभिकीय तथा स्वतंत्र तैरने वाला है। इसे एम्फीबलास्तुला (Amphiblastula ) कहते है।
- इनके शरीर में संवेदी तथा तंत्रिका कोशिकाएँ नहीं होती है।
- इनमे भोजन का पाचन अन्त : कोशिकीय होता है।
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