संघीय न्यायालय का वर्णन
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.भारत एक संघीय राज्य है और इसलिए यहाँ भी एक संघीय न्यायालय का प्रावधान है, जिसे सर्वोच्च न्यायालय कहते हैं. सर्वोच्च न्यायालय संविधान का व्याख्याता, अपील का अंतिम न्यायालय, नागरिकों के मूल अधिकारों का रक्षक, राष्ट्रपति का परामर्शदाता और संविधान का संरक्षक है. भारतीय न्यायव्यवस्था के शीर्ष पर सर्वोच्च न्यायालय है. उच्चतम न्यायालय 26 जनवरी, 1950 को अस्तित्व में आया और भारत के गणतंत्र बन्ने के दो दिन बाद यानी 28 जनवरी, 1950 को इसने काम करना प्रारंभ किया.
सर्वोच्च न्यायालय का गठन (COMPOSITION OF THE SUPREME COURT) IN HINDI
संविधान के अनुसार भारत की शीर्ष न्यायपालिका यहाँ का सर्वोच्च न्यायालय है. संविधान के अनुसार इसमें एक मुख्य न्यायाधीश तथा अधिक-से-अधिक सात न्यायाधीश होते हैं. संसद् कानून द्वारा न्यायाधीशों की संख्या में परिवर्तन कर सकती है. न्यायाधीशों की संख्या में समय-समय पर बढ़ोतरी की जाती रही है. वर्ष 1956 में 11, 1960 में 14, 1978 में 18 तथा 1986 में 26 तक की वृद्धि कर दी गयी. वर्तमान समय में उच्चत्तम न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश और 30 अन्य न्यायाधीश (कुल 31 न्यायाधीश) हैं. मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है. मुख्य न्यायाधीश को छोड़कर अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति में राष्ट्रपति मुख्य न्यायाधीश से परामर्श अवश्य लेता है.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की योग्यताएँ (ELIGIBILITY)
Supreme Court के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की पात्रता का वर्णन संविधान की धारा 124 में किया गया है.
सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश वही व्यक्ति हो सकता है, जो –
भारत का नागरिक हो
कम-से-कम 5 वर्षों तक किसी उच्च न्यायालय का न्यायाधीश रह चुका हो
कम-से-कम 10 वर्षों तक किसी उच्च न्यायालय में वकालत कर चुका हो या
राष्ट्रपति के विचार में सुविख्यात विधिवेत्ता (कानूनज्ञाता) हो
कार्यकाल तथा वेतन (TERM AND SALARY)
1. सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु तक अपने पद पर बने रह सकते हैं.
2. 65 वर्ष की आयु के पूर्व भी वे राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र देकर पद मुक्त हो सकते हैं.
3. राष्ट्रपति उनको अवकाश-प्राप्ति से पूर्व भी संसद् द्वारा पारित महाभियोग प्रस्ताव के बाद पद से हटा सकते हैं. अभी तक इस प्रक्रिया द्वारा सर्वोच्च या उच्च न्यायालय के किसी भी न्यायाधीश को हटाया नहीं गया है.
4. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का वेतन 1 लाख रुपये प्रति माह तथा अन्य न्यायाधीशों का वेतन 90 हज़ार रुपये प्रति माह निर्धारित किया गया है.
5. सर्वोच्च न्यायालय के वेतन तथा भत्ते भारत की संचित निधि (Consolidated Fund) पर भारित हैं. सामान्य परिस्थितियों में न्यायाधीशों के कार्यकाल में उनके वेतन एवं भत्ते कम नहीं किये जा सकते हैं.
सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को 5 वर्गों में बाँटा जा सकता है – –
(इनके बारे में विस्तारपूर्वक स्वयं लिखें।)
I) प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार
2)अपीलीय क्षेत्राधिकार
3)परामर्श सबंधी क्षेत्राधिकार
4)अभिलेख न्यायालय
5) रिट न्यायालय (WRIT COURT)
6)अन्य अधिकारिता