संघर्ष के मार्ग पर अकेला ही चलना पड़ता है। कोई बाहरी शक्ति आपकी सहायता नहीं करती है। परिश्रम, दृढ़ इच्छा शक्ति व लगन आदि मानवीय गुण व्यक्ति को संघर्ष करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं। दो महत्त्वपूर्ण तथ्य स्मरणीय है – प्रत्येक समस्या अपने साथ संघर्ष लेकर आती है। प्रत्येक संघर्ष के गर्भ में विजय निहित रहती है। एक अध्यापक ने अपने छात्रों को यह संदेश दिया था – तुम्हें जीवन में सफल होने के लिए समस्याओं से संघर्ष करने का अभ्यास करना होगा। हम कोई भी कार्य करें, सर्वोच्च शिखर पर पहुँचने का संकल्प लेकर चलें। सफलता हमें कभी निराश नहीं करेगी। समस्त ग्रंथों और महापुरुषों के अनुभवों को निष्कर्ष यह है कि संघर्ष से डरना अथवा उससे विमुख होना अहितकर है, मानव धर्म के प्रतिकूल है और अपने विकास को अनावश्यक रूप से बाधित करना है। आप जागिए, उठिए दृढ़-संकल्प और उत्साह एवं साहस के साथ संघर्ष रूपी विजय रथ पर चढ़िए और अपने जीवन के विकास की बाधाओं रूपी शत्रुओं पर विजय प्राप्त कीजिए। प्रश्न(1) मनुष्य को संघर्ष करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं
प्रश्न(6) संघर्ष के मार्ग पर कैसे चलना पड़ता है?
o सबके साथ
o अकेले ही
o दो लोगों के साथ
o भीड़ के साथ
प्रश्न(7) विजय का विलोम शब्द क्या होगा?
o सजय
o अजय
o पराजय
o इनमें से कोई नहीं
प्रश्न(8) मानव शब्द का पर्यायवाची क्या है?
o पशु
o पक्षी
o मनुष्य
o महिला
प्रश्न(10) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक चुनिए।
o आशा और उत्साह
o संघर्ष और समस्या
o संघर्ष और सफलता
o निराश और सफलता
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6 -अकेले
7-पराजय
8-मनुष्य
10-संघर्ष और सफलता
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