सींघषय के मागय में अके ला ही चलना पड़ता है। कोई बाहरी शजक्त आपकी सहायता नहीीं करत है। पररश्रम, दृढ़ इच्छा शजक्त व लगन आहद मानव य गुण व्यजक्त को सींघषय करने और ि वन में सफलता प्राप्त करने का मागय प्रशस्त करते हैं। दो महत्त्वपूणय तथ्य स्मरण य है – प्रत्येक समस्या अपने साथ सींघषय लेकर आत है। प्रत्येक सींघषय के गभय में वविय ननहहत रहत है। एक अध्यापक छोड़ने वाले अपने छात्रों को यह सींदेश हदया था – तम्ुहें ि वन में सफल होने के ललए समस्याओीं से सींघषय करने को अभ्यास करना होगा। हम कोई भ कायय करें, सवोच्च लशखर पर पहुुँचने का सींककप लेकर चलें। सफलता हमें कभ ननराश नहीीं करेग । समस्त ग्रींथों और महापुरुषों के अनुभवों को ननष्कषय यह है कक सींघषय से डरना अथवा उससे ववमुख होना अहहतकर है, मानव िमय के प्रनतकूल है और अपने ववकास को अनावश्यक रूप से बाधित करना है। आप िाधगए, उहठए दृढ़-सींककप और उत्साह एवीं साहस के साथ सींघषय रूप वविय रथ पर चहढ़ए और अपने ि वन के ववकास की बािाओीं रूप शत्रुओीं पर वविय प्राप्त कीजिए। (क) मनुष्य को सींघषय करने और ि वन में सफलता प्राप्त करने का मागय प्रशस्
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