संघवाद किसे कहते हैं संघवाद के विभिन्न रूप कौन से होते हैं
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Explanation:
संघवाद (फ़ेडरलिज़्म) संवैधानिक राजसंचालन की उस प्रवृत्ति का प्रारूप है जिसके अंतर्गत विभिन्न राज्य एक संविदा द्वारा एक संघ की स्थापना करते हैं। इस संविदा के अनुसार एक संघीय सरकार एवं अनेक राज्य सरकारें संघ की विभिन्न इकाइयाँ हो जाती हैं।
Note:- इंडिया में फ़ेडरलिज़्म 'कनाडा' से लिया गया है।
सामान्य रूप से प्रभुसत्ता का विभाजन संघीय एवं राज्यसरकारों के मध्य उनके संविधान में उल्लिखित होता है जो उस संविदा को अंतिम रूप से पुष्ट करता है। साधारणतया संघीय सरकार को ऐसे कार्यों के संचालन का भार दिया जाता है जिन्हें क्षेत्रविस्तार खर्चीला अथवा दुरूह होने के कारण राज्य स्वयं चलाने में कठिनाई प्रतीत करते हैं। अत: इन कार्यों के चलाने के लिए वे सब इकाइयाँ प्रतीत करते हैं। अत: इन कार्यों के चलाने के लिए वे सब इकाइयाँ अपनी राजशक्तियों का एक निश्चित भाग संघीय सरकार को अधिकार एवं साधन के रूप में प्रदान कर देते हैं। शेष अन्य विषयों में राज्य स्वयं कार्यभार वहन करते हैं एवं उसके प्रतिरूप अधिकार एवं साधन के रूप में प्रदान कर देते हैं। शेष अन्य विषयों में राज्य स्वयं कार्यभार वहन करते हैं एवं उसके प्रतिरूप अधिकार एवं साधन संविधान द्वारा लेते हैं। इस प्रकार एकात्मक संविधान (यूनिटरी संविधान) के विपरीत संघात्मक संविधान एक ही संविधान के अंतर्गत राजद्वै (डुवल पालिटी) को स्थापना करता है। परिणामस्वरूप ऐसे संघ के नागरिक दो प्रकार की सरकारों, संघीय एवं राज्य सरकारों के अधीनस्थ होते हैं।
Answer:
न्यायपालिका (Judiciary या judicial system या judicature) किसी भी जनतंत्र के तीन प्रमुख अंगों में से एक है। अन्य दो अंग हैं - कार्यपालिका और व्यवस्थापिका। ... न्यायपालिका के अन्तर्गत कोई एक सर्वोच्च न्यायालय होता है एवं उसके अधीन विभिन्न न्यायालय (कोर्ट) होते हैं।